
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद पर मथुरा कोर्ट के फैसले ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को नाराज कर दिया है. सर्वे के आदेश को उन्होंने Places of worship act के खिलाफ बता दिया है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि ईदगाह ट्रस्ट को इस मामले को हाई कोर्ट लेकर जाना चाहिए. उन्हें उम्मीद है कि वहां पर इस मामले की उचित सुनवाई होगी. ट्वीट में ओवैसी ने RSS और विश्व हिंदू परिषद पर भी निशाना साधा है.
किस बात से नाराज हैं ओवैसी?
असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं कि मेरी नजरों में कोर्ट का फैसला गलत है. इस फैसले ने Places of worship act का उल्लंघन किया है. मैंने तो बाबरी मस्जिद फैसले के वक्त ही कहा था कि इससे हिंदूवादी ताकतों की हिम्मत बढ़ गई है. मुझे उम्मीद है कि इस फैसले को ईदगाह ट्रस्ट हाई कोर्ट में चुनौती देगा. ओवैसी ने VHP और RSS को लेकर कहा है कि उनका काम तो नफरत फैलाने का रह गया है. इससे पहले भी ओवैसी ने कोर्ट के आदेश पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद मैंने कहा था कि इससे संघ परिवार की शरारतें बढ़ेंगी. अब मथुरा कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर में सबूतों की जांच के लिए कमिश्नर भी नियुक्त कर दिया है. इस तरह के मुकदमों पर रोक लगाने वाले पूजा स्थल अधिनियम के बावजूद यह आदेश दे दिया गया जबकि मस्जिद और बगल के मंदिर में उनके विवाद को हल करने के लिए एक लिखित समझौता हुआ है. कृपया "देने और लेने" का उपदेश न दें, जब एक पक्ष मुसलमानों को लगातार निशाना बनाने में रुचि रखता हो.
ये पूरा विवाद है क्या?
जानकारी के लिए बता दें कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर विवाद काफी पुराना है. मथुरा का ये विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है. गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. इस मामले में शनिवार को मथुरा कोर्ट ने कहा था कि सर्वे की रिपोर्ट 20 जनवरी तक कोर्ट को सौंपनी होगी. सिविल कोर्ट ने साथ ही मामले से भी जुड़े सभी पक्षों को नोटिस भी जारी किया था. कोर्ट ने वादी विष्णु गुप्ता की अपील पर अमीन से भी रिपोर्ट मांगी थी.