
केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश पर बढ़ते विवाद के बाद सीएम पिनराई विजयन ने फिलहाल इसे वापस ले लिया है. उन्होंने कहा कि सदन के अंदर अन्य दलों की राय जानने के बाद ही अब इस पर फैसला लिया जाएगा. वहीं सीपीएम महासचिव ने आजतक से बात करते हुए कहा कि इसको लेकर अब व्यापक चर्चा होगी, तभी इसे लागू करने पर बात होगी.
उन्होंने कहा, 'केरल के मुख्यमंत्री ने कह दिया है कि व्यापक चर्चा होने तक यह कानून लागू नहीं किया जाएगा. पार्टी के भीतर भी यही मत था.' वहीं अन्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए येचुरी ने कहा कि कितनी सरकारें ऐसा करती हैं, कि कानून बनाकर वापस ले लें. लेकिन हमने किया. दूसरे राज्यों में देख लीजिए जहां गोरक्षा के नाम पर लव जिहाद के नाम पर कानून बनाए जा रहे हैं.
सीपीएम महासचिव ने कहा, 'केरल सरकार ने सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया को सूचना प्रसारण मंत्रालय के तहत लाए जाने का भी विरोध किया था. हम अभिव्यक्ति की आजादी को मानने वाले हैं और हमें लगता था कि इस कानून का गलत इस्तेमाल हो सकता है, इसीलिए कानून वापस लिया जा रहा है.'
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इससे पहले सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने बढ़ते विवाद को लेकर कहा था कि केरल पुलिस एक्ट संशोधन अध्यादेश पर फिर से विचार किया जाएगा.
बता दें, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को सीपीएम की अगुआई वाली एलडीएफ सरकार के केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दी थी. इस अध्यादेश के तहत सोशल मीडिया पर ‘अपमानजनक’ पोस्ट करने की स्थिति में शख्स को तीन साल की कैद या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों सजा ता प्रावधान तय किया गया था.