
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कई राज्यों में हुईं तनाव की घटनाओं को लेकर अब बीजेपी और उनके सहयोगी संगठनों पर काउंटर अटैक की तैयारी में हैं. उन्होंने पार्टी मुख्यालय में 9 मई को कांग्रेस की कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई गई है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर के कार्यक्रम पर आधिकारिक रूप से मुहर लगाई जाएगी लेकिन सोनिया गांधी इस दिन एक संदेश जारी कर बीजेपी पर बड़ा हमला करने की तैयारी में हैं.
सत्ता में आने के लिए तनाव पैदा करती है बीजेपी
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि बीजेपी जहां पर कमजोर होती है, वहां तनाव पैदा कर राजनीति करके सत्ता में आना चाहती है. जब चुनाव खत्म हो जाते हैं, तो तनाव भी खत्म हो जाता है. जैसा कि यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल में हुआ.
बीजेपी के हमले का जवाब देने की तैयारी
राजस्थान में जिस तरह से बीजेपी ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा उसके बाद से कांग्रेस आलाकमान इस तैयारी में है कि बीजेपी और उसके सहयोगी संगठनों को देश के अलग-अलग राज्यों की घटनाओं के लिए टारगेट किया जाए इसीलिए सोनिया गांधी अब खुद सामने आकर यह मोर्चा संभालेंगी.
तीन राज्यों पर बीजेपी को घेरने की रणनीति
बीजेपी राजस्थान के मामले में गहलोत और उनकी सरकार को टारगेट कर रही है. कांग्रेस का मानना है कि पूरा मामला राजस्थान केंद्रित ना करके देश के बाकी राज्यों में जो घटनाएं हो रही हैं, उसके लिए बीजेपी को घेरा जाए इसलिए कांग्रेस महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक पर बीजेपी को घेरना चाहती है.
राजस्थान: उदयपुर में 13 से 15 मई तक चलेगा कांग्रेस का चिंतन शिविर, ये 6 प्रस्ताव किए जाएंगे पेश
उदयपुर में 13 से 15 मई तक चलेगा शिविर
कांग्रेस ने उदयपुर में 13 से 15 मई यानी तीन दिन का चिंतन शिविर बुलाया है. इसमें शामिल होने के लिए नेताओं को आमंत्रण भी भेजे जा चुके हैं. सभी को 12 मई तक आने के लिए कहा गया है. तीन दिन के इस शिविर में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के शामिल होने की उम्मीद है. इस शिविर में 400 से ज्यादा नेता हिस्सा लेंगे. सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर के दौरान राजनीतिक और संगठनात्मक महत्व, सामाजिक न्याय, अर्थव्यवस्था, किसानों और युवाओं के मुद्दों पर चर्चा के लिए 6 पैनल भी बनाए हैं.
शिविर में इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
- नेतृत्व परिवर्तन और आंतरिक मुद्दों पर बात हो सकती है.
- आने वाले राज्यों में विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार होगी.
- संगठन को मजबूत करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर विचार होगा.