
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच झगड़ा बढ़ता जा रहा है. दोनों ही गुट अब चुनाव आयोग तक पहुंच गए हैं. जहां पारस गुट का कहना है कि पार्टी के नए अध्यक्ष (पशुपति पारस) और कार्यकारिणी का चुनाव LJP संविधान के मुताबिक हुआ है, वहीं चिराग ने कहा है कि पार्टी संविधान के मुताबिक अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी पांच साल के लिए उन्हें दी गई थी. अब इस विवाद में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का अहम बयान सामने आया है.
LJP विवाद पर लोकसभा स्पीकर का बयान
'आजतक' से खास बातचीत में ओम बिरला ने कहा कि पार्टी में विवाद का मसला मेरे कार्यक्षेत्र के दायरे से बाहर का मुद्दा है. उनके (LJP) संसद में मुख्य सचेतक ने एक याचिका दायर की कि 5 सदस्यों ने एक नेता चुना है, इसपर हमने परिवर्तन दर्ज कर लिया. हम यह नहीं देखते कि पार्टी का अध्यक्ष कौन है, वे LJP के साथ हैं.
लोकसभा स्पीकर ने कहा कि हम तब तक कार्रवाई नहीं कर सकते जब तक दलबदल विरोधी कानून के तहत एक याचिका प्राप्त नहीं हो जाती और उसका निपटारा नहीं हो जाता. ओम बिरला के मुताबिक, संसद में सदन का नेता चुने जाने की एक प्रक्रिया है और उस प्रक्रिया का पालन किया गया है.
एलजेपी में दो फाड़
बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी में दो फाड़ हो गई है. एक गुट ने पशुपति पारस को अपना नेता चुनकर उन्हें पार्टी के संसदीय दल के नेता की मान्यता दे दी है. वहीं चिराग पासवान का कहना है कि पार्टी के संविधान के मुताबिक संसदीय बोर्ड ही संसदीय दल के नेता की नियुक्ति कर सकता है.
चुनाव आयोग पहुंचे चिराग
शुक्रवार को चिराग पासवान ने चुनाव आयोग का रुख किया. उन्होंने कहा कि पार्टी संविधान के मुताबिक अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी पांच साल के लिए मुझे मिली थी. उनकी (पारस गुट) फर्जी कार्यकारिणी बैठक में मुश्किल से 10 लोग होंगे. अगर उनका 75 का दावा है तो बैठक की एक तस्वीर जारी करें या फिर बैठक में शामिल हुए सब नेताओं के नाम बताएं. चिराग ने कहा कि पार्टी संविधान के खिलाफ जाकर बागियों ने मनमानी की है.