
पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को लेकर सियासत तेज हो गई है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि बंगाल में जेपी नड्डा पर हमला लोकतंत्र को लहूलुहान करने वाला है. बंगाल में राष्ट्रपति शासन जरूरी हो गया है.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और वरिष्ठ नेताओं के काफिले पर ममता बनर्जी की टीएमसी के गुंडों का हमला लोकतंत्र को लहूलुहान करने की ऐसी करतूत है, जिसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए.
उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी-कांग्रेस सहित जो 19 पार्टियां नोटबंदी और जीएसटी के खिलाफ कोलकाता रैली में ममता के साथ हाथ मिला कर खड़ी हुई थीं, उन्होंने नड्डा जी पर हुए हमले पर चुप्पी क्यों साध ली? क्या गुरुदेव रवींद्रनाथ और बंकिम चंद की धरती पर लोकतंत्र की रक्षा नहीं होनी चाहिए?
ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि संसदीय चुनाव से हैदराबाद नगर निगम व राजस्थान के पंचायत चुनाव तक बीजेपी की शानदार सफलता से घबरा कर ममता दीदी ने संतुलन खो दिया है. राज्य में बीजेपी कार्यकर्ताओं से मारपीट, हमले और हत्या तक की घटनाओं पर राष्ट्रीय दलों के मौन से राज्य में सत्तापोषित राजनीतिक हिंसा को बढ़ावा मिला है.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि राज्य को निर्मम ममता ने जहां पहुंचा दिया है, वहां बिना राष्ट्रपति शासन के निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते. टीएमसी केंद्र के धैर्य का इम्तिहान लेना बंद करे.
इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर अपडेट के लिए राज्य के मुख्य सचिव और पश्चिम बंगाल पुलिस के डीजीपी को आज शाम 6 बजे बुलाया था लेकिन दोनों में से कोई नहीं आया. उनका निरंतर गैर-संवेदनशील रुख राज्य में संवैधानिक मशीनरी की विफलता को दर्शाता है.
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटना को लेकर टीएमसी को घेरा. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, ''आज बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है. केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है. बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा.''