
त्रिपुरा में सत्तारूढ़ बीजेपी को लगातार झटके लग रहे हैं. अब पार्टी के विधायक दीबा चंद्र हरंगखावली ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया. वह इस साल राज्य में गठबंन को छोड़ने वाले 7वें और बीजेपी छोड़ने वाले चौथे विधायक हैं. दीबा चंद्र ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है. राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में पार्टी नेताओं को इस तरह से इस्तीफा देना बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. दीबा एक आदिवासी नेता हैं और वह त्रिपुरा के उनाकोटी जिले में करंचरा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक हैं.
बीजेपी विधायक ने मीडिया को बताया,'आज, मैंने विधायक के रूप में अपना इस्तीफा विधानसभा के सचिव को सौंप दिया है, क्योंकि अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती मौजूद नहीं थे. मैंने व्यक्तिगत आधार पर इस्तीफा दिया है.'
उन्होंने कहा, 'मैंने अभी तक अपने अगले कदम के बारे में फैसला नहीं किया है, लेकिन निश्चित रूप से राजनीति में रहूंगा क्योंकि मैं एक राजनीतिक व्यक्ति हूं.' राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हरंगखावल 2018 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे.
लंबे समय से बीमार चल रहे थे दीबा: बीजेपी
वहीं बीजेपी प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती ने पीटीआई-भाषा को बताया कि हरंगखावल लंबे समय से बीमार थे और अपना काम नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने दावा किया, "इससे आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा."
बीजेपी विधायक के साथ राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आशीष कुमार साहा भी थे, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में बीजेपी विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था.
अब तक ये विधायक दे चुके इस्तीफा
इसके साथ ही इस साल बीजेपी ने अपने चार विधायक खो दिए. साहा के अलावा, विधायक सुदीप रॉय बर्मन और बुरबो मोहन त्रिपुरा ने भी इस साल की शुरुआत में इस्तीफा दे दिया था. सूरमा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक आशीष दास को उनके कथित कदाचार के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के घटक इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने भी अपने तीन विधायक धनंजय त्रिपुरा, बृषकेतु देबबर्मा और मेवार कुमार जमातिया को खो दिया. धनंजय त्रिपुरा और मेवार कुमार जमातिया के इस्तीफे स्पीकर ने स्वीकार कर लिए थे, लेकिन बृषकेतु को प्रक्रियात्मक दोष के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
60 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 34 विधायक हैं, जबकि उसकी सहयोगी आईपीएफटी के पांच हैं. विपक्षी कांग्रेस के एक विधायक और माकपा के 15 विधायक हैं, जबकि पांच सीटें खाली हैं.