Tripura-Nagaland-Meghalaya Exit Poll: पूर्वोत्तर के तीन राज्य त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में चुनाव किस करवट बैठने वाला है, 2 मार्च को नतीजें से स्पष्ट हो जाएगा. उन असल नतीजों से पहले एग्जिट पोल के नतीजे सामने आने शुरू हो गए हैं. वो नतीजे चुनावी दिशा को लेकर बड़ा संकेत दे सकते हैं.
नगालैंड में मुख्यमंत्री नेफ्यू रिओ की लोकप्रियता बरकरार है. एग्जिट पोल के नतीजे बताते हैं कि 25 फीसदी लोगों की पहली पसंद वर्तमान सीएम नेफ्यू रिओ हैं. दूसरे दल के किसी सीएम चेहरे को 10 फीसदी वोट भी मिलते नहीं दिख रहे हैं.
नगालैंड चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे हैं एक बार फिर एनडीपीपी और बीजेपी गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. प्रचंड बहुमत के साथ वापसी के संकेत हैं. गठबंधन को 38 से 48 सीटें मिल सकती हैं, कांग्रेस को 1 से 2, एनपीएफ को 3 से 8.
मेघालय का एग्जिट पोल सामने आ गया है. इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. एनपीपी के खाते में 18 से 24, बीजेपी की 4 से 8, कांग्रेस 6 से 12 सीटें रह सकती हैं. यानी कि किसी को भी बहुमत नहीं मिल रहा है.
त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार बन सकती है. एग्जिट पोल ने स्पष्ट बहुमत के आसार दिखाए हैं. अगर जातियों के लिहाज से देखें, तो बीजेपी को जबरदस्त फायदा होता दिख रहा है. पार्टी को एसटी का 30 प्रतिशत, एससी का 57 प्रतिशत, ओबीसी का 60 फीसदी और सामान्य का 61 फीसदी वोट मिल रहा है.
लेफ्ट-कांग्रेस की बात करें तो उसे एसटी का 18 फीसदी, एससी का 36 फीसदी, ओबीसी का 35 प्रतिशत और सामान्य वर्ग का 34 फीसदी वोट मिल सकता है.
टीएमपी को एसटी का 51 फीसदी, एससी का 3 फीसदी, ओबीसी का 2 प्रतिशत और सामान्य का 2 प्रतिशट वोट मिल सकता है.
त्रिपुरा चुनाव में बीजेपी को 45 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं, वहीं लेफ्ट-कांग्रेस के गठबंधन का 32 प्रतिशत वोट शेयर रह सकता है. टीएमपी की बात करें तो उसका वोट शेयर 20 फीसदी रह सकता है.
त्रिपुरा चुनाव में टीएमपी लेफ्ट से भी बेहतर प्रदर्शन करती दिख रही है. एग्जिट पोल के मुताबिक इस चुनाव में टीएमपी को 9 से 16 सीटें मिल सकती हैं. टीएमपी ने इस बार जमीन पर तगड़ी मेहनत की है.
आजतक का एग्जिट पोल बताता है कि त्रिपुरा चुनाव में लेफ्ट-कांग्रेस का गठबंधन सरकार बनाने से चूक रहा है. उसके खाते में 9 से 11 सीटें आ सकती हैं. वो सरकार बनाने से काफी दूर दिखाई दे रहा है.
त्रिपुरा चुनाव को लेकर Axis My India और आजतक का एग्जिट पोल सामने आ गया है. एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनने के आसार हैं. बीजेपी के 36 से 45 सीटें मिल सकती हैं.
नगालैंड पूर्वोत्तर का एक ऐसा राज्य है जहां पर एक साथ कई विवाद चलते हैं. फिर चाहे असम के साथ सीमा विवाद हो या फिर AFSPA का मुद्दा. इन्हीं मुद्दों को लेकर इस बार भी चुनाव लड़ा गया है. एक तरफ सत्ताधारी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) और बीजेपी साथ मिलकर चुनाव लड़ी है तो वहीं इस बार कांग्रेस और पीपल्स फ्रंट अलग-अलग मैदान में खड़े हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. उसके खाते में 21 सीटें गई थी. बहुमत से तो पार्टी दूर रह गई, लेकिन सीटों के मामले में बीजेपी से कोसो आगे रही. उस चुनाव में बीजेपी ने 47 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन जीती सिर्फ दो सीट थी. वहीं दूसरी तरफ एनपीपी ने 20 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने दो सीटें जीतने के बावजूद भी सरकार बना ली थी.
मेघालय विधानसभा चुनाव इस बार काफी दिलचस्प बन चुका है. पहली बार है जब बीजेपी सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने उतरी है. ईसाई बहुल राज्य में पार्टी ने तेजी से अपना विस्तार किया है और इस बार सरकार बनाने का दावा ठोंक रही है. दूसरी तरफ नेशनलिस्ट पीपल्स पार्टी और यूडीपी जैसे क्षेत्रीय दल भी सत्ता में आने के लिए पूरी जान लगा रहे हैं. कांग्रेस भी अकेले ही चुनाव मैदान में खड़ी हुई है.
त्रिपुरा चुनाव में साल 2018 में बीजेपी ने इतिहास रचते हुए लेफ्ट के 25 साल के शासनकाल को खत्म किया था. पहली बार पूर्वोत्तर के इस राज्य में कमल खिला था. उस चुनाव में 60 विधानसभा सीटों में से बीजेपी और उसके सहयोगी दल ने साथ मिलकर 43 सीटें जीत ली थीं. वहीं सीपीएम को 16 सीटों से संतुष्ट करना पड़ा था. वहीं कांग्रेस का तो खाता भी नहीं खुला था.
त्रिपुरा चुनाव संपन्न हो चुका है. जनता अपना वोट डाल चुकी है, ईवीएम में नतीजे कैद हैं, कौन जीतेगा, 2 मार्च को पता चल जाएगा. इस बार विधानसभा चुनाव में 81.1 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) गित्ते किरणकुमार दिनकारो ने बताया था कि 3,337 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच चुनाव हुआ.