
शिंदे गुट के पास शिवसेना का नाम और बार्टी सिंबल जाने के बाद उद्धव गुट लगातार शिंदे सरकार और केंद्र की मौदी सरकार पर निशाना साध रहा है. सोमवार को भी महाराष्ट्र पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी के तलवे चाटने के लिए पैदा नहीं हुई.
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि शिवसेना को 'सुपारी' देकर खत्म करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा, 'अभी हमारे लिए यह सबसे कठिन समय है. आज हम फिर उस मोड़ पर आकर खड़े हो गए हैं, जब शिवसेना प्रमुख बालासाहेब हमें छोड़कर चले गए थे.'
उन्होंने आगे कहा कि बालासाहेब के निधन के बाद कहा गया कि अब शिवसेना नहीं चल पाएगी. लेकिन हमने इस बात को गलत साबित करके दिखाया. हमने शिवसेना को चलाकर दिखा दिया. केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर हम अभी नहीं जागे तो 2024 के बाद हम तानाशाही के अधीन हो जाएंगे.
उद्धव ने कहा कि उन्होंने (भाजपा) गद्दारों (शिंदे गुट) को पार्टी (शिवसेना) का नाम और सिंबल दे दिया. उन्होंने आगे कहा कि अब पुराने मामलों को खोलकर शिवसेना को पूरी तरह से खत्म करने की योजना है. उन्होंने कहा कि उनका गुट 28 फरवरी तक लाइटिंग टॉर्च सिंबल का इस्तेमाल कर सकता है. अगर इस सिंबल को हटा दिया जाए तो भी उनके दिमाग में 10 और सिंबल हैं.
दरअसल, चुनाव आयोग ने अपने फैसले में शिवसेना का नाम और तीर-कमान का चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को देने का निर्णय लिया था. इस फैसले के बाद एक तरफ शिंदे गुट में खुशी की लहर दौड़ गई थी तो वहीं उद्धव गुट ने इस फैसले को सुनियोजित और पक्षपातपूर्ण बताया था.
शिंदे गुट ने दाखिल की थी कैविएट
शिवसेना का नाम और निशान मिलने से उत्साहित शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर ये मांग कर दी थी कि बिना उनका पक्ष सुने कोई भी एकतरफा आदेश पारित न किया जाए. उद्धव गुट की नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के बयान ने पहले ही कयास लगने लगे थे कि उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट जा सकता है. उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि अब लोकतंत्र की रक्षा सुप्रीम कोर्ट को ही करनी होगी.