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मायावती, उद्धव, केजरीवाल, राजभर और अब 'NCP' भी... बढ़ता जा रहा यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सपोर्ट का कारवां!

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर देश में जोर-शोर से चर्चा हो रही है. माना जा रहा है कि सरकार लॉ कमीशन की सिफारिशों का अध्ययन कर इस बिल पर आगे बढ़ सकती है और इस बिल को संसद में ला सकती है. इस बीच धीरे-धीरे देश की कई मेनस्ट्रीम पार्टियों ने शुरुआती झिझक को छोड़कर अब इस बिल का समर्थन करना शुरू कर दिया है.

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सरकार को लगातार समर्थन मिल रहा है. यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सरकार को लगातार समर्थन मिल रहा है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 12:47 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून को भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा की. तभी से इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार इस मुद्दे पर आगे बढ़ सकती है. पीएम मोदी के बयान के बाद से ही कई पार्टियों ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां जहां फिलहाल यूसीसी का विरोध कर रही हैं, वहीं सत्ता पक्ष से इतर कई ऐसी पार्टियां और कुछ नेता हैं जो अब यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन कर रहे हैं. 

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यूसीसी का समर्थन करने वाले गैर एनडीए दलों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. इन पार्टियों की सूची में रविवार को दो और नाम जुड़ गए. बीएसपी अध्यक्ष मायावती और सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन किया है. इससे पहले शनिवार को हिमाचल कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने भी समान नागरिक संहिता का समर्थन किया था. रविवार को महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद अब एनसीपी के भी यूसीसी का समर्थन करने की संभावना है. प्रफुल्ल पटेल पहले ही ऐसा संकेत दे चुके हैं. 

आम आदमी पार्टी और शिवसेना पहले ही UCC को समर्थन का ऐलान कर चुके हैं. इस लिहाज से यूसीसी को समर्थन देने वालों नेताओं और दलों का कारवां बढ़ता ही जा रहा है. 

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आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी का भले ही इस वक्त बीजेपी से लेकर गहरा टकराव चल रहा है, लेकिन यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर AAP ने केंद्र सरकार को समर्थन देने का ऐलान कर राजनीतिक विश्लेषकों को हैरान कर दिया है. AAP नेता संदीप पाठक ने कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता (UCC) का सैद्धांतिक समर्थन करती है. AAP के संगठन महासचिव संदीप पाठक ने कहा कि आर्टिकल 44 भी यह कहता है कि UCC लागू होना चाहिए, लेकिन आम आदमी पार्टी का यह मानना है कि इस मुद्दे पर सभी धर्म और राजनीतिक दलों से बातचीत होनी चाहिए. सबकी सहमति के बाद ही इसे लागू किया जाना चाहिए.

बहुजन समाज पार्टी

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती का हाल के दिनों में बीजेपी को लेकर रुख नरम ही रहा है. लिहाजा यूनिफॉर्म सिविल कोड पर मायावती का स्टैंड उम्मीद के मुताबिक ही है. हालांकि मायावती ने यूसीसी का समर्थन करते हुए बीजेपी को फटकार भी लगाई है. मायावती ने कहा है कि बीएसपी यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करती है लेकिन बसपा को इस बिल को लागू करने के बीजेपी के तरीके से ऐतराज है. 

मायावती ने कहा कि बीएसपी यूसीसी के खिलाफ नहीं है, बल्कि बीजेपी और इनकी सरकार की ओर से देश में इसे लागू करने के तौर तरीकों से सहमत नहीं है. बीजेपी के इस तरीके में सर्वधर्म हिताय और सर्वधर्म सुखाय की नहीं बल्कि इसकी आड़ में बीजेपी की संकीर्ण राजनीति देखने को मिल रही है. बीजेपी को इससे ऊपर उठकर इसे लागू करने का प्रयास करना चाहिए जिससे धार्मिक पक्षपात नहीं हो. यदि बीजेपी ऐसा करती है तो फिर बीएसपी इस मामले में अपना सकारात्मक रूख अपनाएगी. मायावती ने कहा कि बीजेपी को उनकी सलाह है कि कोई भी कानून बनाते वक्त धार्मिक परम्पराओं और भावनाओं का खयाल रखा जाए. 

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सुभासपा

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन किया है. 2023 में बीजेपी के विरूद्ध विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले ओम प्रकाश राजभर के अब एनडीए में शामिल होने की चर्चाएं हैं. इससे पहले भी वे यूपी में बीजेपी के साथ रह चुके हैं. इस बीच सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि देशभर में सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होना चाहिए और जो कुछ भी देश हित में होगा हम उसका समर्थन करेंगे. ओपी राजभर ने कहा कि यदि गोवा में यूसीसी लागू है तो अन्य राज्यों में क्यों लागू नहीं हो सकता है?

शिवसेना

महाराष्ट्र की हिन्दूवादी पार्टी उद्धव गुट वाली शिवसेना ने भी UCC का समर्थन करने का फैसला किया है. कुछ ही दिन पहले उद्धव ने कहा था कि हम समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हैं. हालांकि उद्धव ने यूसीसी का समर्थन करते हुए विपक्ष में रहने का अपना पैंतरा भी कायम रखा. उद्धव ने कहा कि जो लोग इसे ला रहे हैं, उन्हें ये नहीं सोचना चाहिए कि इससे सिर्फ मुसलमानों को परेशानी होगी, बल्कि इस बिल से हिंदुओं को भी दिक्कत होगी और कई सवाल उठेंगे. 

एनसीपी

महाराष्ट्र में रविवार को बड़े राजनीतिक घटनाक्रम एनसीपी में टूट हो गई है. एनसीपी के दिग्गज नेता अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल अब बीजेपी यानी कि महाराष्ट्र सरकार के साथ हैं. इसके बाद अब ये संभावना बन रही है कि अब एनसीपी का ये गुट भी यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन कर सकता है. एनसीपी में टूट से पहले भी इस पार्टी ने यूसीसी का खुलकर विरोध नहीं किया था. 29 जून को प्रफुल्ल पटेल ने यूसीसी पर कहा था कि हम इस वक्त न तो यूसीसी के समर्थन में हैं और न हीं विरोध में. हम सिर्फ यही कह रहे हैं कि इतने बड़े फैसले को जल्दबाजी में नहीं लिया जाना चाहिए. 

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विक्रमादित्य सिंह- कांग्रेस 

यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करने वालों में एक नाम से सबको हैरानी हुई है. ये नाम है हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह. हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे और लोक निर्माण और खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने  शुक्रवार को पार्टी लाइन के खिलाफ जाते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वे समान नागरिक संहिता को अपना 'पूर्ण समर्थन' देते हैं. विक्रमादित्य सिंह ने इस विषय पर 'राजनीतिकरण' नहीं करने का आग्रह किया है.

विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में कहा है कि समान नागरिक संहिता का हम पूर्ण समर्थन करते हैं, जो भारत की एकता और अखंडता के लिए जरूरी है, पर इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि केंद्र की एनडीए सरकार ने ऐसा कानून पहले क्यों नहीं लागू किया. 

बता दें कि आज यूसीसी पर संसद की स्थायी समिति की बैठक भी है. इसके बाद सरकार इस बिल पर आगे बढ़ सकती है.
 

 

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