
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर चल रहे विवाद में अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी कूद पड़े हैं. उन्होंने बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन करते हुए कहा कि भारत के सनातन धर्म में महापुरुषों में ऐसा सामर्थ्य होता है, इसलिए बिना जाने आरोप लगाना गलत है.
बिहार के बेगूसराय में केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत के मनीषियों में सनातन परंपरा है. उसमें कई महानुभाव महापुरुष हुए हैं. जो इस ढंग के चीजों (चमत्कार) को करने का सामर्थ्य रखते हैं. किसी के सामर्थ्य को बिना परखे हुए अंधविश्वास कहना उचित नहीं है.
कैलाश विजयवर्गीय का भी समर्थन
उधर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर आरोप लगाना गलत है. सनातन धर्म में से बहुत सारे सिद्ध लोग हैं. आखिर कोई क्यों नहीं बोलता जावरा (रतलाम जिला) के अंदर कई लोग लोटते फिरते हैं. आज तक किसी ने जावरा की दरगाह पर प्रश्नचिन्ह उठाया है क्या? उनके बारे में कोई बात नहीं करता. जबकि हिंदू महात्माओं लेकर प्रश्नचिन्ह उठाते हैं.
क्या है विवाद?
दरअसल, महाराष्ट्र के नागपुर में पिछले दिनों बागेश्वर धाम सरकार के नाम से विख्यात धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 'श्रीराम चरित्र-चर्चा' का वाचन किया था. वहीं की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने कथावाचक शास्त्री पर जादू-टोने और अंधश्रद्धा फैलाने का आरोप लगाया था. समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा था कि 'दिव्य दरबार' और 'प्रेत दरबार' की आड़ में जादू-टोना को बढ़ावा दिया जा रहा है.
दावा किया गया है कि अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति की वजह से दो दिन पहले ही यानी 11 जनवरी को ही धीरेंद्र शास्त्री की कथा संपन्न हो गई. ऐसा इसलिए क्योंकि समिति ने महाराष्ट्र के अंधश्रद्धा विरोधी कानून के तहत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर एफआईआर दर्ज करने की शिकायत दी थी.
उधर, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी सफाई में कहा कि उनके गुरुजी के आने वाले जन्मोत्सव के चलते वह अपनी प्रस्तावित तीन कथाओं में से 2-2 दिन कम कर रहे हैं. बता दें कि नागपुर के बाद फिलहाल उनकी कथा छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित हो रही है.