
कानपुर कोर्ट से सजा के आदेश की फाइल लेकर भागने के बाद यूपी के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान चर्चा में हैं. वह शनिवार दोपहर बाद से किसी के संपर्क में नहीं हैं. सूबे की राजधानी लखनऊ में उनकी सरकारी कोठी है तो कानपुर में उनका आवास है. लेकिन उनके लोग मंत्री जी के बारे में कुछ बताने से परहेज कर रहे हैं.
रविवार सुबह करीब 9:00 बजे Aajtak मंत्री के लखनऊ स्थित सरकारी कोठी में पहुंचा, तो वहां मौजूद कर्मचारी गिरधारी ने बताया कि साहब पिछले दो से 3 दिन से आवास पर नहीं आए हैं. हालांकि, उसने यह भी बताया कि मंत्री रोज सुबह यहां जनता दरबार लगाते हैं.
वहीं, देखा गया कि मंत्री के सरकारी आवास पर दो पोस्टर लगे हुए हैं, जिनमें लिखा है- जनता से मिलने का समय सुबह 9:00 से सुबह 11:00. जबकि आज (रविवार) सुबह 9:15 का समय है. लेकिन आवास में न जनता है, न दरबार और न ही मंत्री.
Aajtak ने जब तहकीकात करते हुए सरकारी कोठी के दूसरे छोर पर बने गेट पर मौजूद गार्ड रामयश यादव से बात की तो वह बार-बार गेट बंद करते और खोलते नजर आए, और बताया कि मंत्री साहब 3-4 दिन से यहां नहीं हैं. जब हमने कोर्ट केस के बारे में जानकारी चाही, तो उसने कहा कि हम सभी ने आज सुबह अखबार में यह खबर पढ़ी है और उसके बाद ही हमें पता चला. हालांकि, घर के अंदर मंत्री के कुछ परिजन नजर आए, जो कैमरा देखने के बाद अंदर चले गए.
इसके बाद Aajtak ने मंत्री राकेश सचान को कॉल किया. इस बार उन्होंने कॉल रिसीव किया और बताया, 'मैं इस वक्त कानपुर के आवास में हूं और दोपहर में ही मिल सकता हूं.' मंत्री सचान ने बताया कि आज सुबह 11:00 बजे सीएम योगी से इसी मसले पर उनकी बात होनी है और उसके बाद उन्हें लखनऊ भी बुलाया जा सकता है. इस बातचीत के दौरान राकेश सचान ने मीडिया पर दोषारोपण करते हुए कहा कि आप लोगों का जो मन कर रहा है, वही चला रहे हो.
जानिए क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश सरकार में खादी ग्रामोद्योग मंत्री अवैध असलहा के एक पुराने मामले में शनिवार को दोषी करार दिए गए. इसके बाद अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट -3 कोर्ट सजा सुनाती, उससे पहले ही मंत्री अपने वकील की मदद से सजा के आदेश की मूल प्रति लेकर फरार हो गए. अब कोर्ट की रीडर ने मंत्री पर एफआईआर के लिए कोतवाली में तहरीर दी है.
कानपुर के जॉइंट कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि कोर्ट की रीडर कामिनी की तरफ से शिकायती आवेदन मिला है. इस मामले में जांच करवाई जा रही है. हालांकि, राकेश सचान पर मुकदमा कब दर्ज होगा? इसका पुलिस अफसर ने कोई जवाब नहीं दिया.
वकील और मंत्री का अलग-अलग बयान
अदालत से मंत्री राकेश सचान के जाने का कारण उनका बीमार होना बताया गया. जबकि खुद मंत्री ने दावा किया कि अंतिम फैसले के लिए कोई मामला सूचीबद्ध नहीं था, इसलिए वह अदालत से निकल आए. राकेश सचान ने गुपचुप तरीके से अदालत कक्ष छोड़ने के आरोपों से इनकार किया.
कानपुर कांड के बाद PC रद्द
राकेश सचान की प्रेस कांफ्रेंस रद्द हो गई है. उनकी पीसी मिर्जापुर के आयुक्त कार्यालय में होनी थी, जिसमें सचान 100 दिनों के काम की विस्तृत जानकारी देने वाले थे.सूत्रों के मुताबिक, कानपुर कांड की वजह से मंत्री ने मिर्जापुर आने से इंकार कर दिया है.
जानिए राकेश सचान के बारे में
राकेश सचान ने अपनी राजनीतिक पारी का आगाज समाजवादी पार्टी से जुड़कर किया था. उत्तर प्रदेश की घाटमपुर विधानसभा से वह साल 1993 और 2002 में विधायक चुने गए थे. फिर उन्होंने 2009 का लोकसभा चुनाव फतेहपुरसीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर जीता. इसके बाद सचान ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर BJP जॉइन कर ली थी. मौजूदा वक्त में राकेश सचान कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से विधायक और सूबे की योगी कैबिनेट में खादी ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा, और वस्त्रोद्योग मंत्री हैं.