
उपेंद्र कुशवाहा को लेकर जनता दल यूनाइटेड (JDU) में बयानबाजी और मनमुटाव बढ़ता ही जा रहा है. अब बिहार जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने चेतावनी जारी की है. पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा 2 फरवरी को पार्टी की तरफ से आयोजित जगदेव प्रसाद जयंती में शामिल हों. उनके अलग कार्यक्रम पर जेडीयू नेतृत्व की नजर है.
JDU प्रदेश अध्यक्ष आगे बोले, उपेंद्र कुशवाहा का अलग से किसी कार्यक्रम में शामिल होना पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा. पार्टी उचित एक्शन लेगी. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश के खिलाफ बयानबाजी छोड़नी चाहिए. नीतीश कुमार पर कुछ भी बोलने से पहले जेडीयू से इस्तीफा दें.
नीतीश बाबू के पास बचा ही क्या: आरसीपी सिंह
उधर, नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच चल रही टीका-टिप्पणी को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. उपेंद्र कुशवाहा के हिस्सा मांगने पर आरसीपी सिंह ने कहा कि हिस्सा नहीं मांगा जाता है, बल्कि अपनी ताकत बनाया जाता है. वैसे भी नीतीश बाबू के पास बचा ही क्या है? वहां तो खुद नीतीश कुमार और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह बचे हैं, और उनके पास कोई है क्या?
केंद्र की मोदी सरकार में जेडीयू कोटे से मंत्री रहे आरसीपी सिंह ने आगे कहा, हिस्सा तो वहां मांगा जाता है जहां कुछ बचे. नीतीश और ललन का नाम लिए बिना कहा कि दोनों अपना लाठी डंडा लेकर चले जाएंगे.
RCP सिंह ने कड़े लहजे में कहा, 'मैंने कभी नहीं कहा कि हिस्सा दीजिए. नीतीश कुमार की औकात नहीं है कि मुझसे आंख मिलाकर बात करें.' साथ ही आरोप लगाया कि नीतीश कुमार की महागठबंधन वाली सरकार बिहार में लोगों को बेवकूफ बनाने का काम कर रही है.
वहीं, जीतन राम मांझी के शराब बिक्री चालू करने के बयान पर आरसीपी ने कहा, नीतीश अगर मांझी की बात नहीं मान रहे तो उनको वापस आ जाना चाहिए. मांझी समर्थन दे रहे हैं. मंत्री बने हुए हैं. आखिर किस बात का समर्थन दे रहे हैं?