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'संसद सत्र के दौरान सांसदों को आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी से छूट नहीं', नायडू ने खड़गे को दिया जवाब

यंग इंडियन कार्यालय में वित्तीय लेन देन को लेकर ईडी ने गुरुवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से करीब 7 घंटे तक पूछताछ की थी. इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को जांच एजेंसी ने सबूत इकट्ठा न कर पाने और नोटिस का जवाब ने देने की बात करते हुए कार्यालय को सील कर दिया था.

सभापति ने सदन में विपक्ष के आरोपाें का दिया जवाब (PTI) सभापति ने सदन में विपक्ष के आरोपाें का दिया जवाब (PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 4:26 PM IST

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सदन में स्पष्ट किया कि आपराधिक मामलों में सांसदों के विशेषाधिकार नहीं होते हैं. संसद सत्र के दौरान सदस्यों को ऐसे मामलों में गिरफ्तारी से छूट नहीं है. वे कानून एजेंसियों द्वारा जारी समन से बच नहीं सकते.

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से सांसदों के बीच उनके विशेषाधिकार को लेकर असमंजस बना हुआ है. यह गलत धारणा बन रही है कि जांच एजेंसी संसद के सत्र के दौरान सांसदों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है. 

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अनुच्छेद 105 से मिले विशेषाधिकार बताए

राज्यसभा के सभापति ने संविधान के अनुच्छेद 105 का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी सांसद को संसदीय कर्तव्यों का पालन करने के लिए विशेष अधिकार दिए गए हैं. इनमें एक है कि किसी भी सांसद को संसद का सत्र या संसदीय समिति की बैठक शुरू होने से 40 दिन पहले और 40 दिन बाद तक दीवानी मामलों में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने बताया कि यह प्रावधान आपराधिक मामलों में लागू नहीं होता है. इसका मतलब यह हुआ कि अपराधिक मामलों की कार्रवाई में सांसद भी सामान्य नागरिक की तरह होते हैं और उन्हें संसदीय सत्र या समिति की बैठक के दौरान गिरफ्तार किया जा सकता है. नायडू ने कहा कि यह विशेषाधिकार सिविल प्रक्रिया न्यायालय की धारा 135ए के तहत पहले से ही शामिल है.

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जाकिर हुसैन की व्यवस्था का किया जिक्र

नायडू ने 1966 में तत्कालीन पीठासीन अधिकारी डॉ. जाकिर हुसैन की एक व्यवस्था का उल्लेख करते हुए बताया कि कोई भी सदस्य संसदीय कर्तव्यों का निर्वहन करने का हवाला देकर जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने से इनकार नहीं कर सकता है.

एजेंसी ने  मांग सकते हैं अगली तारीख

नायडू ने कहा कि सांसदों को कानून और व्यवस्था की प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए. यह सभी पर प्रभावी होता है. जांच एजेंसी से ऐसे मामलों में सत्र का उल्लेख करते हुए पेश होने के लिए अगली तारीख मांगी जा सकती है. नायडू ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों का भी उल्लेख किया.

कांग्रेस सांसदों का वेल में पहुंचकर हंगामा

वहीं राज्यसभा की कार्यवाही सुबह जब शुरू हुई तो कांग्रेस के 10 सांसद जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का विरोध करते हुए वेल तक पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का अपमान किया गया है.

इसके बाद करीब 11:30 बजे तक लगभग आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई. स्थगन के बाद बार राज्यसभा में जब फिर से चर्चा शुरू हुई तो नायडू ने संसद सत्र के दौरान सांसदों के विशेषाधिकार पर बयान दिया.

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खड़गे ने ED का समन मिलने पर किया था विरोध

4 अगस्त को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नेताओं के खिलाफ हो रही ED की कार्रवाई का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. ऐसे समय में जब संसद की कार्यवाही चल रही है, ईडी ने उन्हें भी समन किया है.

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या ईडी द्वारा उन्हें बुलाना उचित है? उन्होंने कहा, ''अगर हम इस तरह से चलेंगे तो क्या हमारा लोकतंत्र जीवित रहेगा? क्या संविधान के तहत हम चलेंगे? वे जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं ताकि हमें हतोत्साहित कर सकें. यह हमको खत्म करने और डराने के लिए किया जा रहा है, लेकिन हम डरेंगे नहीं बल्कि मुकाबला करेंगे.''

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