
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए अगले 2-3 दिनों में विपक्षी नेताओं की एक संयुक्त बैठक हो सकती है. सूत्रों ने बताया कि प्रमुख विपक्षी दलों की बैठक नई दिल्ली में 12 या 13 जुलाई को हो सकती है. इस बैठक में एनसीपी चीफ शरद पवार भी शामिल होंगे. इसके अलावा बैठक में कांग्रेस, वाम दलों, टीएमसी, द्रमुक, राजद, समाजवादी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों के नेता शामिल हो सकते है. विपक्षी दल के नेता देश में दूसरे शीर्ष संवैधानिक पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार खड़े कर सकते हैं. मालूम हो कि अभी तक न ही एनडीए और न ही विपक्षी दलों ने ही किसी उम्मीदवार का नाम सुझाया है.
2017 में गोपाल कृष्ण गांधी थे विपक्ष के उम्मीदवार
2017 में एनडीए के उम्मीदवार एम वेंकैया नायडू के खिलाफ महात्मा गांधी के पोते और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी को विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से उतारा था. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है.
19 जुलाई तक किया जा सकेगा नामांकन
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए इच्छुक उम्मीदवार 19 जुलाई तक अपने नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं. नामांकन पत्रों की जांच 20 जुलाई को होगी. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र 22 जुलाई तक वापस ले सकेंगे. देश का अगला उपराष्ट्रपति चुनने के लिए 6 अगस्त को वोटिंग होगी.
उपराष्ट्रपति चुनने के लिए 6 अगस्त को दिन में 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे. मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसी दिन वोटों की गिनती भी हो जाएगी और चुनाव के नतीजे भी आ जाएंगे. अगर सत्ता पक्ष और विपक्षी दल, दोनों ही खेमे उपराष्ट्रपति पद के लिए किसी एक उम्मीदवार के नाम पर सहमत हो जाते हैं और आम सहमति बन जाती है तो मतदान की जरूरत नहीं पड़ेगी.
राष्ट्रपति चुनाव सिर्फ द्रौपदी मुर्मू-यशवंत सिन्हा मैदान में
राष्ट्रपति चुनाव के लिए मैदान में अब सिर्फ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ही रह गए हैं. चुनाव के लिए कुल 96 लोगों का नॉमिनेशन अलग-अलग कारणों से रद्द कर दिया गया है. राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को राष्ट्रपति चुनाव का पीठासीन अधिकारी (रिटर्निंग ऑफिसर) बनाया गया है.