Advertisement

'माउंटबेटन को खुश रखने के लिए नेहरू सरकार ने PoK नहीं लिया वापस', केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का आरोप

केंद्रीय मंत्री जनलर रिटायर्ड वीके सिंह ने पीओके को वापस नहीं लेने के लिए नेहरू सरकार को जिम्मेदार ठहराया. वीके सिंह ने आरोप लगाया गया कि नेहरू सरकार माउंटबेटन को खुश रखना चाहती थी, इसलिए पाकिस्तान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.

फाइल फोटो फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:37 AM IST

केंद्रीय मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने पीओके के लिए नेहरू सरकार को जिम्मेदार ठहराया. वीके सिंह ने शुक्रवार को कहा कि नेहरू सरकार ने माउंटबेटन को खुश रखने के लिए 1948 युद्ध में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को सुरक्षित नहीं किया. 

सिंह ने दावा किया, "हम 1948 में पीओके को सुरक्षित रख सकते थे, लेकिन उस समय सरकार ने कहा, अब बहुत हो गया, हमारे माउंटबेटन खुश नहीं होंगे और सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की." लॉर्ड माउंटबेटन तब स्वतंत्र भारत के गवर्नर जनरल थे.  

Advertisement

26/11 हमले की बरसी पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि अपराधियों के कुछ मोबाइल नंबर पहले ही आईबी को दिए जा चुके थे और हमले की प्रतिक्रिया बेहतर हो सकती थी. पूर्व सेनाध्यक्ष ने कहा कि देश के रक्षा बलों में पीओके पर फिर से दावा करने की क्षमता है और सरकार का आदेश मिलते ही वे इस कार्य को अंजाम देंगे.  

नागरिकों की सुरक्षा के लिए पाक से बातचीत को तैयार: सिंह

वीके सिंह 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले की 14वीं वर्षगांठ के हिस्से के रूप में एक पत्रिका द्वारा आयोजित कार्यक्रम '26/11 मुंबई संकल्प' में बोल रहे थे. पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि जब भारत ने पहले बातचीत की पहल की तो पाकिस्तान को लगा कि वह आतंकवाद से डरा हुआ है. उन्होंने कहा, "अब, पाकिस्तान समझता है कि भारत आतंकवाद के डर के कारण नहीं बल्कि (चिंता के कारण) अपने पक्ष में नागरिकों की सुरक्षा के लिए बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है." 

Advertisement

मुंबई हमले से पहले इंटेलिजेंस को दिया था इनपुट: सिंह

वीके सिंह ने कहा कि जब 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में आतंकी हमला हुआ, तब वह कोलकाता में पूर्वी कमान में तैनात थे. उन्होंने कहा कि हमें खबर मिली कि एक शख्स, जिसे हम जानते थे, वह कुछ सिम कार्ड खरीदने के लिए कोलकाता आया था. हमने पूछताछ की और उन 10-12 नंबरों को इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) को दिया और उन्हें ये नंबर बताए. उनका इस्तेमाल जयपुर, अहमदाबाद या कुछ अन्य जगहों पर आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. 

"आपको आश्चर्य होगा कि उनमें से चार नंबर 26/11 के आतंकी हमले में इस्तेमाल किए गए थे. अगर आपको 10-12 नंबर मिले थे और किसी ने आपको बताया था कि उनका दुरुपयोग किया जा सकता है, अगर आपने उन नंबरों पर नजर रखी होती, तो उस पर नजर रखते तब मेरे विचार से, आप उन्हें पकड़ सकते थे क्योंकि वे मोबाइल चालू थे. इसका मतलब है कि खुफिया जानकारी का उपयोग करने में कुछ कमियां थीं."

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement