
बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के मसले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. आनंद मोहन की रिहाई के सवाल पर महागठबंधन में ही महाभारत छिड़ गया है. दरअसल, वामदल पहले से ही आनंद मोहन की रिहाई का विरोध कर रहे हैं. आज टाडा बंदियों समेत शराबबंदी कानून के तहत जेल में बंद लोगों की रिहाई के लिए भाकपा माले के विधायकों ने पटना में धरना दिया.
भाकपा माले का कहना है कि सरकार आनंद मोहन जैसे लोगों को तो रिहा कर रही है लेकिन गरीबों की फिक्र नहीं कर रही. टाडा बंदी पिछले कई सालों से जेल में बंद है, कानून खत्म होने के बावजूद सरकार ने उन्हें छोड़ने का फैसला नहीं लिया. धरने पर बैठे भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने सरकार के सामने बड़ी मांग रख दी है. महबूब आलम ने कहा कि बिना देरी किए टाटा बंदियों और शराबबंदी कानून के तहत बंद लोगों को सरकार रिहा करे.
क्या नीतीश कुमार को फायदा होगा?
आनंद मोहन की रिहाई को बिहार में नीतीश कुमार के पॉलिटिकल कार्ड के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन महागठबंधन के साथी ही यह कहने लगे हैं कि आनंद मोहन की रिहाई से नीतीश कुमार को कोई फायदा नहीं होने वाला.
तो सड़क पर आंदोलन होगा: CPI (M)
सीपीआई एम के विधायक सत्येंद्र यादव ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. यादव कह रहे हैं कि सामंती मानसिकता वाले आनंद मोहन को रिहा करने से महागठबंधन का वोट बैंक नहीं पड़ने वाला. महागठबंधन को बिहार के गरीबों की चिंता करनी चाहिए नीतीश कुमार के फैसले पर सत्येंद्र यादव ने सीधा सवाल खड़ा किया है. ऐलान भी कर दिया है कि अगर टाडा और शराबबंदी कानून के तहत जेल में बंद किए गए लोगों को रिहा नहीं किया गया तो सड़क पर आंदोलन होगा.
जेडीयू ने चुप्पी साधी
भाकपा माले की मांग पर जेडीयू ने चुप्पी साध ली है. लेकिन आरजेडी यह कह रही है कि सहयोगी दल की मांग पर विचार किया जाएगा. कानून के मुताबिक जिसे भी रिहाई की जरूरत होगी सरकार उस पर फैसला लेगी.
सब कुछ नियमों के मुताबिक: RJD
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आनंद मोहन की रिहाई पर उठ रहे सवाल को लेकर कहा कि सब कुछ नियमों के मुताबिक हुआ है, आगे भी नियमों के मुताबिक सरकार रिहाई पर फैसला लेगी.
BJP दिखी बंटी हुई
वहीं, अब तक आनंद मोहन के मसले पर बीजेपी ही बंटी हुई दिख रही थी. बीजेपी के कुछ नेता आनंद मोहन का समर्थन कर रहे थे तो कुछ विरोध में सवाल खड़े कर रहे थे. लेकिन अब महागठबंधन के अंदर भी यही हालत नजर आ रही है.