
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी की संसद में अमर्यादित भाषा पर विपक्ष लगातार कार्यवाही की मांग कर रहा है. इस बीच, बसपा सांसद दानिश अली पर उकसाने के आरोप लगाए जा रहे हैं. अब दानिश ने इस मामले में चुप्पी तोड़ी है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो ट्वीट किया है. दानिश ने कहा है कि बीजेपी के नेता नैरेटिव चलाने का प्रयास कर रहे हैं. सच्चाई यह है कि मैंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बचाने का काम किया है.
बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने ट्वीट किया और लिखा, भाजपा के कुछ नेता एक नैरेटिव चलाने का प्रयास कर रहे हैं कि संसद में मैंने रमेश बिधूड़ी को भड़काया. जबकि सच्चाई यह है कि मैंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बचाने का काम किया और सभापतिजी को मोदी जी से संबंधित घोर आपत्तिजनक शब्दों को सदन की कार्रवाई से हटाने की मांग की थी.
'चंद्रयान-3 की सफलता पर बोल रहे थे बिधूड़ी'
दानिश अली ने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें बीजेपी सांसद बिधूड़ी संसद में चंद्रयान -3 मिशन की सफलता के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय दे रहे हैं. वीडियो में रमेश बिधूड़ी कहते हैं, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग होती है तो उनके (विपक्ष) पेट में दर्द होने लगता है कि गरीब का बेटा, एक 'चाय बेचने वाले' का बेटा... जिसे कभी 'मौत का सौदागर', कभी 'नीच', कहा जाता है.. ये लोग सफलता पचा नहीं पा रहे हैं.
'अचानक बिफर गए बिधूड़ी और...'
बिधूड़ी ने आगे कहा, ये लोग सवाल उठा रहे हैं कि मोदी साब श्रेय क्यों ले रहे हैं? मोदी साब श्रेय नहीं ले रहे हैं, श्रेय ले रहे हैं देश के वैज्ञानिक. इस बीच, आवाजें आती हैं और रमेश बिधूड़ी पूरी तरफ बिफर जाते हैं. उसके बाद उन्होंने लगातार बीएसपी सांसद दानिश अली को लेकर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया.
'हमारा वो चरित्र और संस्कार नहीं है...'
समाचार एजेंसी से बातचीत में दानिश अली ने कहा, पूरे देश और दुनिया ने देखा कि क्या हुआ? बीजेपी का चरित्र सामने आ गया है. निशिकांत दुबे के स्पीकर को पत्र लिखने पर दानिश ने तंज कसा और कहा, वही निशिकांत दुबे... जिन्होंने पिछड़ी जाति के अपने कार्यकर्ता से पैर धुलवाकर उसको पानी पिलवाया था. जिनकी पीएचडी की डिग्री पर भी फर्जी होने के आरोप हैं. बीजेपी का क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप 48 घंटे बैठने के बाद कम से कम कोई आरोप तो ढंग का लगाते. दानिश अली अभी इतना नहीं गिरा है कि देश के प्रधानमंत्री के बारे में कोई ऐसी टिप्पणी करे. हमारा वो चरित्र और संस्कार नहीं है. सच्चाई यह है, जो रिकॉर्ड पर है. जब रमेश बिधूड़ी प्रधानमंत्री पद की गरिमा को तार-तार कर रहे थे, जो सुनाई दे रहा है. उस पर मैंने ऑब्जेक्शन किया और कहा, प्रधानमंत्री जी के बारे में ऐसा कोई रेफरेंस, असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. सभापति जी इसको रिकॉर्ड से निकालिए.
'बीजेपी और आरएसएस में झूठ बोलने की ट्रेनिंग दी जाती'
दानिश ने कहा, अगर यह कहना मेरा अपराध है तो मैं सजा भोगने के लिए तैयार हूं. वरना मैं चैलेंज करता हूं कि निशिकांत दुबे और पूरी बीजेपी को...मुझे भी मालूम है कि पिछले दो दिन से लोकसभा सचिव की मीटिंग पर मीटिंग चल रही हैं. अनऑफिशियली बीजेपी का पूरा तंत्र लगा हुआ है. कम से कम कोई हल्की डब्ड आवाज या कहीं से कुछ मिल जाए. सब चीजें रिकॉर्ड पर हैं. भड़काने के आरोप निराधार हैं. मैं इनको कोई गंभीरता से नहीं लेता हूं. बीजेपी और आरएसएस में यह ट्रेनिंग दी जाती है कि एक झूठ को सौ बार बोलो और फिर उसको सच बना दो. इनके राज में कार्यप्रणाली भी यही है.
'बीजेपी का दावा- दानिश ने पीएम को आपत्तिजनक शब्द कहे'
इससे पहले बीजेपी के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने दानिश अली पर पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था. मालवीय ने कहा था, रमेश बिधूड़ी ने जो कहा- वह दानिश अली के घटिया तंज के जवाब में था. मालवीय ने दावा किया कि दानिश अली ने पीएम को 'नीच' कहा और जब आपत्ति जताई तो उन्होंने दोहराया. सांसद निशिकांत दुबे ने सभी पहलुओं पर जांच के लिए जांच कमेटी बनाने की मांग की है. यह उचित मांग है. इससे यह भी पता चलता है कि राहुल गांधी दानिश अली को गले लगाने के लिए क्यों दौड़े. मोदी जी को गाली देने वालों को गांधी परिवार सिर पर बैठाता है.
'बीजेपी ने स्पीकर को लिखी चिट्ठी'
बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि संसद में जो कुछ हुआ, उसकी विस्तृत जांच की जाए. उन्होंने कहा कि वह रमेश बिधूड़ी द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों का विरोध करते हैं लेकिन दानिश अली को पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है.
उन्होंने बसपा सांसद पर 'नीच को नीचे नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे' कहने का आरोप लगाया और लिखा, मुझे लगता है कि दानिश अली द्वारा दिया गया यह बयान किसी भी देशभक्त जन प्रतिनिधि के लिए 'अपना धैर्य खोने' के लिए काफी था. रमेश बिधूड़ी के अपशब्दों को हटा दिया गया और बीजेपी ने असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.