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क्या बदल सकता है बाबुल सुप्रियो का फैसला? जेपी नड्डा संग मीटिंग में यह हुआ तय

बाबुल सुप्रियो और जेपी नड्डा के बीच शनिवार को एक मीटिंग हुई है. इसमें जेपी नड्डा ने बाबुल को अपने राजनीति छोड़ने के फैसले पर दोबारा सोचने को कहा है. सोमवार को दोनों में फिर से एक मीटिंग होनी है.

जेपी नड्डा और बाबुल सुप्रियो (फाइल फोटो-PTI) जेपी नड्डा और बाबुल सुप्रियो (फाइल फोटो-PTI)
अनुपम मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 12:12 PM IST
  • दिल्ली में जेपी नड्डा के घर हुई मीटिंग
  • नड्डा ने बाबुल को दोबारा सोचने को कहा
  • सोमवार को फिर होनी है दोनों में मीटिंग

पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) ने शनिवार को अचानक सोशल मीडिया पर राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया. बताया जा रहा है कि इस ऐलान के बाद बाबुल ने दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के घर पर मुलाकात की थी. जेपी नड्डा ने उन्हें अपने फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है. माना जा रहा है कि मंगलवार तक बाबुल सुप्रियो को लेकर आखिरी फैसला हो सकता है.

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बताया जा रहा है कि शनिवार को बाबुल सुप्रियो ने जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. जेपी नड्डा ने बाबुल को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है और एक दिन का वक्त लेने को कहा है. बताया ये भी जा रहा है कि सोमवार को सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद जेपी नड्डा और बाबुल सुप्रियो के बीच दोबारा मुलाकात होनी है और मंगलवार तक आखिरी फैसला बाबुल लेंगे कि वो बीजेपी में रहेंगे या नहीं.

बीजेपी में रहने को लेकर संशय क्यों?

शनिवार को बाबुल सुप्रियो ने अपनी फेसबुक पोस्ट में पहले लिखा था कि वो बीजेपी में हैं और रहेंगे. उन्होंने ये तक कहा था कि वो टीएमसी या कोई दूसरी पार्टी में शामिल नहीं होंगे. लेकिन बाद में उन्होंने अपनी पोस्ट को अपडेट कर ये वाली लाइन हटा दी थी. इसके बाद से अटकलें तेज हो गई हैं, लेकिन अभी कुछ साफ-साफ नहीं कहा जा सकता.

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बंगाल में कम नहीं हो रहीं बीजेपी की मुश्किलें!

बंगाल में बीजेपी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. शनिवार रात उत्तर 24 परगना के बोनगांव में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में सांगठनिक बैठक का आयोजन किया गया था. लेकिन इस बैठक में बागदा के विधायक विश्वजीत दास, बनगांव के विधायक अशोक कीर्तनया और गाईघाटा के विधायक सुब्रतो ठाकुर नदारद रहे. केंद्रीय मंत्री और बनगांव के सांसद शांतनु ठाकुर भी इस मीटिंग में नहीं हाजिर हुए. इसी के बाद सुगबुगाहट बढ़ गई है कि नदारद रहने वाले विधायक कहीं टीएमसी में तो नहीं जा रहे.

बनगांव के विधायक अशोक कीर्तनया से संपर्क करने पर पता चला कि वह दीघा में छुट्टियां मनाने चले गए हैं. वहीं विधायक विश्वजीत दास और सुब्रतो ठाकुर से संपर्क नहीं हो पाया है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि ये दोनों पार्टी से नाराज चल रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक, इस वक्त बनगांव में बीजेपी के दो गुट काम कर रहे हैं. एक प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) का तो दूसरा केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर (Shantanu Thakur) का और इन दोनों गुटों में अनबन की वजह से ही कुछ लोग मीटिंग से नदारद रह रहे हैं.

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यही नहीं बनगांव में कुछ बीजेपी नेता मुकुल रॉय (Mukul Roy) के करीबी भी माने जाते हैं और मुकुल रॉय के पार्टी छोड़ने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि ये भी कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं. इनमें विश्वजीत दास का नाम भी शामिल है.

 

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