
सचिन पायलट ने अजमेर से 5 दिन की अपनी पदयात्रा पर हैं. 41 डिग्री तापमान के बावजूद बड़ी संख्या में लोग उनके साथ यात्रा पर हैं. यात्रा की शुरुआत करते हुए पायलट ने भ्रष्टाचार के मामले में वसुंधरा राजे सरकार पर जमकर निशाना साधा. इसके बाद उन्होंने सीएम अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, मेरे राजनीतिक जीवन में एक फूटी कौड़ी का मुझपर आरोप कोई नहीं लगा सकता. इतना ही नहीं पेपर लीक के मुद्दे पर उन्होंने अपनी ही सरकार पर हमला बोला. आइए जानते हैं पायलट का क्या प्लान है और इस यात्रा से क्या संदेश देना चाहते हैं?
दरअसल, कहा जा रहा है कि पायलट इस यात्रा में मिल रहे जनसमर्थन के जरिए कांग्रेस आलाकमान को अपनी ताकत और लोकप्रियता का अहसास कराना चाहते हैं. ताकि पार्टी में उनकी भूमिका तय हो. पायलट की पहली प्राथमिकता कांग्रेस में बने रहने की है. उन्होंने उम्मीद है कि उनकी यात्रा को देखते हुए जल्द पार्टी आलाकमान हस्तक्षेप करेगा. इतना ही नहीं पायलट ये भी चाहते हैं कि अशोक गहलोत जिस तरह से हर मंच से उनपर सरकार गिराने की साजिश जैसे गंभीर आरोप लगा रहे हैं, ये सिलसिला रोका जाए.
पायलट का क्या है फ्यूचर प्लान?
पायलट अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं. वे उनके प्रति पार्टी आलाकमान का रुख देखना चाहते हैं. अगर पार्टी ने आलाकमान हस्तक्षेप नहीं करता, तो पायलट नई पार्टी बनाएंगे और इस चुनाव में कांग्रेस को कड़ी टक्कर देंगे. अगर 2023 में हंग असेंबली बनती है, तो वे किंग मेकर की भूमिका में आकर बीजेपी से हाथ मिला सकते हैं. हालांकि, यह इतना आसान नहीं है, क्योंकि वसुंधरा राजे की मौजूदगी में ऐसा संभव नहीं है. इस मुद्दे पर बीजेपी भी दो फाड़ हो सकती है.
पायलट की यात्रा में उमड़ पड़ी भीड़
पायलट की यात्रा में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं. उन्हें जनसमर्थन मिलता दिख रहा है. पायलट पेपर लीक और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर इस पदयात्रा को कर रहे हैं, ऐसे में युवा सबसे ज्यादा उनकी यात्रा में शामिल हो रहा है. सचिन पायलट ने एक छोटे बच्चे के साथ मुलाकात की फोटो शेयर करते हुए लिखा,
''इन आंखों के सपने हजार है. दिल में हैं अनेकों उम्मीदें,
इनके सुनहरे भविष्य के निर्माण के लिए, हम तत्पर है, तैयार हैं''
पायलट की सभाओं में क्यों उमड़ रही भीड़?
पेपरलीक, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनता में गहलोत सरकार के प्रति नाराजगी है, खासकर के युवा वर्ग में. पायलट युवा नेता हैं, सधी हुई बयानबाजी करते हैं, लगातार अपनी ही सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते रहे हैं. ऐसे में लोगों को उनसे उम्मीदें हैं. इतना ही नहीं करीब 25 विधायक और मंत्री भी उनके समर्थन में हैं. पार्टी के वे नेता भी पायलट के साथ हैं, जिन्हें गहलोत द्वारा किनारे किया गया है.
पायलट की छवि ईमानदार नेता के तौर पर रही है. उनके पास बड़ा जातीय आधार है. उन्हें मीणा-जाट जैसी जातियों का भरपूर समर्थन मिल रहा है. इतना ही नहीं पिता रजेश पायलट की विरासत और नाम भी उनके साथ है. उपमुख्यमंत्री के रूप में भी उनके काम काज की तारीफ होती रही है.
पायलट की नाराजगी से कांग्रेस को हो सकता है नुकसान
अगर पायलट कांग्रेस छोड़ते हैं, तो भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए अच्छी खबर हो, लेकिन कांग्रेस के लिए यह शुभ खबर नहीं होगी. सचिन पायलट राजस्थान के कद्दावर नेता माने जाते हैं. अगर वे पार्टी से बाहर जाते हैं, तो उन्हें मिलने वाली सहानुभूति से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट को कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नहीं रखा था. तब कहा जा रहा था कि कांग्रेस को अहसास हो गया है कि सचिन पायलट किसी ऐजेंसी के संपर्क में हैं. लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या सचिन पायलट वाकई कांग्रेस छोड़ना चाहते हैं या फिर उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा.
अपनी यात्रा से पहले पायलट ने वीडियो जारी किया. इसमें उनकी लाचारी साफ देखी जा सकती है. इसमें वे लिखते हैं, मैं यहां क्या करूं ? कब तक बैठे बैठे सिविलाइंस के अपने आवास ने टीवी देखता रहूं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहां -कहां जा रहे हैं और क्या क्या बोल रहे हैं ? केोई सुननेवाला नहीं है तो मैं कब तक अपनी राजनैतिक हत्या करवाउं.
पायलट की यात्रा से दिक्कत नहीं होनी चाहिए- खाचरियावास
राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, हमारे नेता राहुल गांधी ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. बीजेपी जो पाप कर रही, वो राहुल गांधी ने उठाया. अगर अब सचिन पायलट भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहे हैं, तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. पार्टी में सबको अधिकार है.