
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल को रद्द करने के मोदी सरकार के फैसले को लेकर तृणमूल कांग्रेस भले ही बीजेपी के खिलाफ हमले पर हमले बोल रही हो, लेकिन बंगाल में उसकी अपनी सरकार ने भी इसी रास्ते का अनुसरण किया है! जी हां, पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बंदोपाध्याय ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की है.
इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने कहा, "यह इतने कम समय में संभव नहीं है. मैं स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण अपने विधायकों को लंबे समय तक अंदर नहीं रखना चाहता." बंदोपाध्याय ने कहा, "देश में कोई भी विधानसभा लंबे समय तक सत्र नहीं चला रही है."
बता दें कि इससे पहले गुरुवार को, अध्यक्ष ने घोषणा की थी कि अगले सप्ताह एक दो दिवसीय मॉनसून सत्र का आयोजन किया जाएगा, जो 9 सितंबर को शुरू होगा. इसे ध्यान में रखते हुए 8 से 10 सितंबर के बीच विधानसभा सत्र में भाग लेने वाले सभी विधायकों के कोविड रैपिड एंटीजन टेस्ट आयोजित करने की व्यवस्था की जा रही है.
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब टीएमसी ने संसद में प्रश्नकाल रद्द करने के लिए केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है. बता दें कि मोदी सरकार पर 'लोकतंत्र की हत्या' का आरोप लगाते हुए टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कई सारे ट्वीट भी किए थे.