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कर्नाटक में जीत के शिल्पकार डीके शिवकुमार! आज 61वां जन्मदिन... क्या बर्थडे गिफ्ट देगी कांग्रेस?

कर्नाटक कांग्रेस के संकटमोचक और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार का सोमवार को जन्मदिन है. वे 61 साल के हो गए हैं. कर्नाटक में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद डीके सीएम पद की रेस में आगे चल रहे हैं. संभव है कि वो आज कांग्रेस हाइकमान से मिलने के लिए दिल्ली आ सकते हैं. डीके वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं और कर्नाटक की सियासत में वोक्कालिगा को लिंगायत के बाद दूसरा किंगमेकर समुदाय माना जाता है.

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार (फोटो- PTI) कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार (फोटो- PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2023,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST

कर्नाटक में मुख्यमंत्री की दौड़ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार सबसे आगे चल रहे हैं. आज यानी सोमवार को उनका जन्मदिन है. वे 61 साल के हो गए हैं. डीके का जन्म 15 मई 1962 को हुआ था. वे कर्नाटक की कनकपुरा सीट से लगातार 8वीं बार विधायक बने हैं और कांग्रेस में सबसे कम समय में फायरब्रांड नेता के तौर पर पहचान बनाई है. इतना ही नहीं, डीके को कर्नाटक में संकटमोचक के तौर पर जाना जाता है. विधानसभा चुनाव में वो कांग्रेस के सबसे अमीरस उम्मीदवार थे. उनकी सीएम को लेकर दावेदारी भी काफी मजबूत है. माना जा रहा है कि पार्टी बर्थडे पर डीके को सीएम के तौर पर रिटर्न गिफ्ट दे सकती है.

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डीके शिवकुमार को कर्नाटक में कांग्रेस को खड़ा करने का श्रेय दिया जाता है. वे प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद संगठनात्मक कार्यों में लगातार मेहनत के साथ जुटे रहे. यही वजह है कि पार्टी ने कम समय में ही जमीन से जुड़कर क्षेत्रीय मुद्दे उठाए और लोगों का भरोसा जीत लिया. 2018 के चुनाव में डीके के प्रयासों से ही कांग्रेस और जेडीयू के बीच गठबंधन को अंतिम रूप दिया जा सका था और सरकार बनी थी. इतना ही नहीं, डीके ने अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में सरकार पर संकट के वक्त मदद की और वहां के विधायकों को कर्नाटक में ठहरने की व्यवस्था की.

नए सीएम की रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार

बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया है और सरकार बनाने की कवायद में जुट गई है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को नया सीएम तय करना है. रविवार को विधायक दल की बैठक में AICC अध्यक्ष को जिम्मेदारी दिए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है. कर्नाटक में नए सीएम की रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के नामों की चर्चा चल रही है.

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पार्टी के लिए सबसे ज्यादा वफादार, फंड भी जुटा सकते 

डीके शिवकुमार के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में एक ठोस आधार बनाया है. वो कांग्रेस पार्टी में सबसे ज्यादा वफादार हैं. दक्षिणी कर्नाटक में पार्टी का बड़ा चेहरा हैं. सिद्धारमैया की सरकार में ऊर्जा मंत्री भी रहे हैं. कांग्रेस के सबसे अमीर नेताओं में उनका नाम आता है. वे 840 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं. कांग्रेस नेतृत्व जानता है कि शिवकुमार पर दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने और आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए धन जुटाने के लिए भरोसा किया जा सकता है.

कानूनी दायरों में उलझे, संगठन के फैसले पर निर्भर

हालांकि, डीके शिवकुमार कानूनी दायरे में भी उलझे हैं. डीके इस वक्त सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग की जांच के दायरे में हैं. उन्हें 104 दिन जेल में भी बिताने पड़े. फिलहाल, वो जमानत पर बाहर हैं. चूंकि कई मामले पेंडिंग हैं. कांग्रेस नेतृत्व को डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने के सभी फायदे और नुकसान पर विचार कर रहा है. क्योंकि केंद्र संभावित रूप से पार्टी को शर्मिंदा करने के लिए पेंडिंग केसों की जांच और कार्रवाई में तेजी ला सकता है. 

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वोक्कालिगा समुदाय के सबसे बड़े चेहरे 

डीके वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. कर्नाटक की सियासत में वोक्कालिगा समुदाय को लिंगायत के बाद दूसरी किंगमेकर मानी जाती है. जेडीएस प्रमुख देवगौड़ा इसी समुदाय से आते हैं. कर्नाटक में अब तक 6 मुख्यमंत्री वोक्कालिगा समुदाय के बने हैं. वोक्कालिगा समुदाय को कांग्रेस के खेमे में लाने की जिम्मेदारी डीके शिवकुमार पर रही है. वे 2008 में रामनगरम जिले के कनकपुरा विधानसभा सीट से पहली बार कांग्रेस विधायक बने थे. उसके बाद 2013 में उन्होंने इसी सीट से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी. 

डीके का बड़ा कारोबार, लगातार 8 बार से विधायक

बताते चलें कि कनकपुरा सीट एक समय जेडीएस का मजबूत गढ़ मानी जाती थी. इस सीट को 1983 में जनता पार्टी से उम्मीदवार पीजीआर सिंधिया ने कांग्रेस से छीना था. उसके बाद सिंधिया ने लगातार 6 बार जीत हासिल की. बाद में 2008 में डीके शिवकुमार ने सिंधिया से सीट छीनी और अब लगातार 8 बार से उनका कब्जा है. शिवकुमार ग्रेनाइट निर्यात, रियल एस्टेट, शिक्षा और केबल टेलीविजन जैसे कारोबार संभालते हैं. ये उनके और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा संचालित कंपनियों के नेटवर्क में शामिल हैं.

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मनी लॉन्ड्रिंग केस में जा चुके हैं जेल 

मनी लॉन्ड्रिंग केस में डीके शिवकुमार करीब 50 दिन तक तिहाड़ जेल में रहे हैं. उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. जेल में बंद रहने के दौरान उनसे सोनिया गांधी ने भी मुलाकात की थी. कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने जेल में उनसे मुलाकात की थी. 

डीके के बारे में यह भी जानिए...

- साल 2016 की नोटबंदी के बाद से डीके शिवकुमार इनकम टैक्स और ईडी के रडार पर थे. 2 अगस्त 2017 को उनके नई दिल्ली आवास पर इनकम टैक्स ने छापा मारा था, जिसमें 8.59 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे. इसके बाद आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता और उनके चार अन्य सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. 


- इनकम विभाग की चार्जशीट के आधार पर ईडी ने शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया. सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग ने अपनी जांच के दौरान दिल्ली और बेंगलुरु में क्रॉस-बॉर्डर हवाला लेनदेन और बेहिसाब नकदी के इस्तेमाल का पता लगाया. यह भी आरोप लगाया गया कि डीके शिवकुमार और उनकी बेटी जुलाई 2017 में एक वित्तीय लेनदेन के लिए सिंगापुर गए थे. 
- आयकर विभाग का दावा है कि उसकी जांच में डीके शिवकुमार से जुड़ी 429 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ. मनी लॉन्ड्रिंग केस में जा चुके हैं जेल मनी लॉन्ड्रिंग केस में डीके शिवकुमार करीब 50 दिन तक तिहाड़ जेल में रहे हैं. उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिली है. 
- जेल में बंद रहने के दौरान उनसे कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेता मुलाकात कर चुके हैं. जेल में बंद रहने के दौरान उनसे सोनिया गांधी ने भी मुलाकात की थी. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने जेल में उनसे मुलाकात की थी. अब उनके हाथ में कर्नाटक कांग्रेस की कमान है.

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