Advertisement

INDIA गठबंधन को लेकर क्यों असमंजस में हैं अकाली दल और INLD? जानें हर सवाल का जवाब

कांग्रेस और INDIA गठबंधन में शामिल दूसरे दल लगातार इन कोशिशों में लगे हैं कि इस गठबंधन का दायरा 26 राजनीतिक पार्टियों से बढ़ाकर और ज्यादा किया जाए. लेकिन कोई कामयाबी मिलती नजर नहीं आ रही है. इधर, गठबंधन के नेतओं ने शिअद और INLD से भी बात की है, लेकिन कोई सफलता मिलती नहीं दिख रही है.

विपक्ष का INDIA गठबंधन. (File Photo) विपक्ष का INDIA गठबंधन. (File Photo)
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 31 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 5:17 AM IST

लोकसभा चुनाव (2024) से पहले INDIA गठबंधन बीजेपी को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. अब तक 26 राजनीतिक दलों को इकट्ठा कर लेने वाला यह गठबंधन और ज्यादा दलों को जोड़ने की कोशिशों में लगा हुआ है. ऐसी अटकलें हैं कि गठबंधन के नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) और इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) नेताओं से बात की है और उन्हें गठबंधन में शामिल होने के लिए कहा है. शिअद नेताओं ने संकेत दिया है कि INDIA के कई नेता उनके संपर्क में हैं, लेकिन पार्टी इस मोर्चे में शामिल होने पर कोई विचार नहीं कर रही है.

Advertisement

शिअद के महासचिव प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने इस बात के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि अभी उनकी पार्टी के गठबंधन में शामिल होने की कोई संभावना नहीं है. उन्होंने कहा,' हमें INDIA से निमंत्रण मिला या नहीं, यह अलग बात है. लेकिन INDIA के कई नेता हमारे संपर्क में हैं. हमारे शरद पवार, ममता बनर्जी और शिवसेना के नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं.'

शिअद का सवाल- क्यों बना INDIA गठबंधन

उन्होंने आगे कहा कि शिअद एक क्षेत्रीय पार्टी है. एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में पंजाब हमारी प्राथमिकता है. SAD उस गठबंधन का हिस्सा होगा, जो कुछ शर्तों को पूरा करेगा. हम यह समझने में विफल रहे हैं कि INDIA गठबंधन क्यों बनाया गया. सबसे बड़ी धारणा यह है कि इस गठबंधन को एक विशेष सरकार, एक विशेष व्यक्ति या एक पार्टी को बचाने के लिए गठित किया गया है.

Advertisement

कांग्रेस की मौजूदगी भी है एक बड़ा मुद्दा!

शिरोमणि अकाली दल के INDIA ब्लॉक में शामिल होने को लेकर संशय का एक विशेष कारण कांग्रेस की उपस्थिति है, जो 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद अकाली दल की कट्टर विरोधी थी. शिअद नेताओं ने इस बात को रिकॉर्ड पर नहीं कहा, लेकिन चंदूमाजरा ने संकेत दिया है कि पार्टी किसी भी ऐसे राजनीतिक दल पर भरोसा नहीं करेगी जो अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो. उन्होंने कहा है कि अकाली दल को संघवाद के संरक्षक के रूप में जाना जाता है. वह उस मंच से जुड़ेंगे, जो अल्पसंख्यकों के हितों और संघवाद के सिद्धांतों की रक्षा करता है.

अब तक नहीं मिला औपचारिक निमंत्रण

अकाली दल के एक अन्य वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने भी पुष्टि की है कि पार्टी को अब तक गठबंधन में शामिल होने का औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है. उन्होंने आगे कहा कि बसपा के साथ उनका पहले से ही गठबंधन है और किसी भी राजनीतिक दल के साथ एक और गठबंधन बनाने की कोई योजना नहीं है. दरअसल, शिअद के INDIA ब्लॉक में शामिल होने की संभावना तब और प्रबल हो गई थी, जब हाल ही में शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने गठबंधन के मुद्दे पर भाजपा पर कटाक्ष किया था. हालांक, इससे पहले ऐसी अटकलें थीं कि बीजेपी और शिअद फिर से एक-दूसरे के साथ आ सकते हैं.

Advertisement

कांग्रेस की पंजाब इकाईं भी असमंजस में!

दिलचस्प बात यह है कि यह अकेला अकाली दल नहीं बल्कि कांग्रेस की पंजाब इकाई भी आम आदमी पार्टी की मौजूदगी के कारण INDIA गठबंधन के खिलाफ थी. ऐसी भी अटकलें हैं कि इंडिया ब्लॉक के नेता इच्छुक थे कि इनेलो भी गठबंधन में शामिल हो. इनेलो और शिअद के बीच दशकों पुराने घनिष्ठ संबंध हैं क्योंकि ओपी चौटाला और दिवंगत प्रकाश सिंह बादल करीबी दोस्त थे. हालांकि इनेलो नेतृत्व INDIA में शामिल होने पर चुप्पी साधे हुए है. चौटाला पहले ही कह चुके हैं कि वे गठबंधन के लिए किसी भी पार्टी से संपर्क नहीं करेंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement