
भारतीय जनता पार्टी ने सैयद जफर इस्लाम को उत्तर प्रदेश के राज्यसभा उपचुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित किया है. अमर सिंह के निधन से रिक्त सीट पर राज्यसभा जाने वाले वही जफर इस्लाम हैं, जिन्होंने मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस से बीजेपी में लाने के मिशन को अंजाम दिया था. इसके बाद मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही थी और अब जफर इस्लाम को इनाम के तौर पर पार्टी ने यूपी से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है.
सैय्यद जफर इस्लाम बीजेपी में उदारवादी मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं. राजनीति में आने से पहले जफर इस्लाम एक विदेशी बैंक के लिए काम किया करते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर सात साल पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था. इसके बाद पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया था, जिसके बाद से पार्टी को पक्ष रखने का काम करते हैं.
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जफर से ज्योतिरादित्य से पुराने रिश्ते
जफर इस्लाम और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों मध्य प्रदेश से आते हैं और दोनों नेताओं के बीच संबंध काफी पुराने पुराने हैं. इसकी शुरुआत जफर के बैंकिंग करियर के दौरान तब हुई थी जब सिंधिया यूपीए सरकार में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री थे. मध्य प्रदेश की राजनीति में आने के बाद भी सिंधिया जब कभी दिल्ली में रहते थे, तो जफर से उनकी मुलाकात होती रहती थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा में लाने के मिशन का काम जफर इस्लाम को सौंपा गया था.
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जफर करीब छह महीने तक खामोशी के साथ सिंधिया से मिलते रहे और उन्हें पार्टी में लाने का प्रयास करते रहे थे. इस बात की भनक उन्होंने न तो अपनी पार्टी के नेता को लगने दी और न ही उन्होंने कांग्रेस को इसका एहसास होने दिया. बीजेपी में आने से पहले ज्योतिरदित्य और जफर की मीटिंग्स दर मीटिंग्स होती रहीं और इसके बाद खुद सिंधिया ने अपनी तरफ से बीजेपी में आने की पेशकश की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सिंधिया की मुलाकात के दौरान जफर इस्लाम भी 7 लोक कल्याण मार्ग में मौजूद थे. इसके अलावा सिंधिया की बीजेपी में एंट्री के समय वो खुद सिंधिया को उनके आवास से लेकर पार्टी दफ्तर गए थे.
बीजेपी में आने से पहले बैंकिंग सेक्टर में थे
बीजेपी में आने के पहले जफर इस्लाम फाइनेंस सेक्टर में काम करते थे. वह ड्यूश बैंक में एमडी के पद पर तैनात थे. वह जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में रहते थे. इसी दौरान संयोग से उनकी मुलाकात नरेंद्र मोदी से हुई और उन्होंने राजनीति में अपने करियर की शुरुआत के लिए बीजेपी को चुना. वर्तमान में वह एयर इंडिया के निदेशक मंडल में शामिल हैं और पीएम मोदी के भरोसेमंद आदमियों में से एक माने जाते हैं.