दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने परिवार के साथ विपश्यना शिविर में एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचे हैं. यह घटना आम आदमी की राजनीति के वादों के विपरीत वर्तमान स्थिति को दर्शाती है. नेताओं के मूल सिद्धांतों से भटकने पर जनता की प्रतिक्रिया और इससे राजनीतिक विश्वसनीयता पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी चर्चा हो रही है.