बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जुमला रहा है कि वह देश या राज्य हित में राजनीति करते हैं. उनकी दृष्टि समाज के निचले पायदान पर बैठी व्यक्ति के प्रति रहती है. इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर ही सत्ता की राजनीति के समीकरण को बदलते रहते हैं. इस बार भी महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए के साथ आए तो यही कहा कि राज्य हित में ही यह परिवर्तन है. राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा और इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने के पीछे विशेष राज्य के दर्जा या फिर विशेष पैकेज राज्य हित में दिलाना है. ताकि वे एनडीए में आने के कारण को जस्टिफाई कर पाएं.