महाकुंभ 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण संकेत बनकर उभरा है। 66 करोड़ से अधिक लोगों ने इसमें स्नान किया, जो संभावित मतदाताओं की संख्या से भी अधिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन को एकता का प्रतीक बताया, जबकि विपक्ष ने इसकी आलोचना की है। बीजेपी इसे हिंदू वोट बैंक में एकजुटता लाने का अवसर मान रही है, जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसे लेकर चिंतित हैं। इस रिपोर्ट में यह चर्चा की गई है कि कैसे यह आयोजन 2024 के चुनावी समीकरण पर असर डाल सकता है।