महाराष्ट्र सरकार ने चुनाव के दौरान ₹1500 से बढ़ाकर ₹2100 प्रति माह करने का वादा किया था, लेकिन यह राशि नहीं बढ़ाई गई है. इससे लाभार्थियों की संख्या 2,50,00,000 से घटकर 2,00,00,000 हो जाएगी. विपक्ष ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है, जबकि सरकार ने वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए समय मांगा है.