बिहार की सियासत में आए बदलाव के बाद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का मूल उद्देश्य बाधित होते दिखने लगा है. कांग्रेस जिस उत्साह के साथ इस यात्रा के राजनीतिक निहितार्थ निकालना चाहती थी, इस इच्छा पर जेडीयू का इंडिया गठबंधन को ना कहना भारी पड़ गया. उस पर लालू यादव परिवार पर कार्रवाई का ग्रहण भी सीमांचल यात्रा पर साफ दिखने भी लगा है लेकिन जिस समीकरण के साथ बिहार में 2019 की लोकसभा चुनाव कांग्रेस अकेली पार्टी बनी, जिसने किशनगंज लोकसभा सीट पर एनडीए के उम्मीदवार को पटखनी दी थी. अब राहुल गांधी की यात्रा और जनसभा का सीधे-सीधे कोशिश सीमांचल में पार्टी के प्रदर्शन को 2019 की लोकसभा चुनाव से बेहतर बनाना है. निशाने पर किशनगंज पर इतिहास दोहराने और मुस्लिम बहुल कटिहार, अररिया और पूर्णिया में नया इतिहास गढ़ने की भी है. राहुल की यात्रा कल जब बिहार में घुसी तो बवाल हो गया.