
पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. सभी दल जाति और धर्म के आधार पर भी लोगों को लुभाने की कोशिश में हैं. पंजाब में करीब 38% हिंदू आबादी रहती है और अब अकाली दल (Akali Dal) इस बड़ी आबादी को साधने की कोशिश में लगा हुआ है.
शिरोमणी अकाली दल (SAD) ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि पंजाब में सरकार बनने पर दलित समुदाय से एक उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा.
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल (sukhbir singh badal) ने बुधवार को अपने दूसरे बड़े ऐलान में कहा कि पंजाब में अकाली-बीएसपी गठबंधन की सरकार बनने पर राज्य में एक और डिप्टी सीएम भी होगा जो कि हिंदू समाज से होगा.
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साथ ही सुखबीर बादल ने कहा कि आने वाले लोकसभा के सत्र में अकाली दल केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव लाएगा. अकाली दल ने अन्य राजनीतिक पार्टियों से भी अपील की है कि वो केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ लाए जाने वाले इस स्थगन प्रस्ताव को सपोर्ट करें.
इससे पहले महीने की शुरुआत में अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने जन्मदिन पर बड़े ऐलान किए थे. सुखबीर बादल ने ऐलान करते हुए कहा कि अगर पंजाब में अकाली दल की सरकार बनी तो पहली कैबिनेट मीटिंग में ही किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवार में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी के अलावा सभी बच्चों की मुफ्त पढ़ाई और पूरे परिवार का सरकार खुद मेडिकल इंश्योरेंस कराएगी.