
अमृतपाल केस को लेकर पंजाब में सियासी हलचल बढ़ती जा रही है. अब शिरोमणि अकाली दल ने दावा किया है कि पुलिस ने इस मामले में जिन 353 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, उनमें से 46 को अकाली दल ने रिहा कराया है.
शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा और पार्टी की कानूनी विंग के अध्यक्ष अर्शदीप सिंह कलेर ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने सवाल किया कि अर्धसैनिक बलों का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए क्यों किया जा रहा है कि जैसे युद्ध छेड़ा जा रहा है? ऐसा लगता है कि 1980 के दशक के माहौल को फिर से बनाने की जानबूझकर कोशिश की जा रही है.
चीमा ने आगे कहा कि सरकार ने खुलासा किया था कि 353 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनमें से 197 को छोड़ दिया गया. सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि 156 लोगों के खिलाफ कोई अभियोग नहीं है. सिर्फ 40 व्यक्तियों के खिलाफ गंभीर मामले लंबित हैं. सरकार को बताना चाहिए कि उसे अब तक क्या जानकारी मिली है? अब तक जो सामने आया है, वह केवल आर्म्स एक्ट के मामले हैं.
सरकार को देना चाहिए स्पष्टीकरण
चीमा ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि AAP सरकार पंजाब और पंजाबियों को बदनाम करने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है. पंजाब को सभी मोर्चों पर विफल करने की कोशिशें भी हो रही हैं. सरकार को सिख नौजवानों को गिरफ्तार करने के पीछे स्पष्टीकरण देना चाहिए.
पंजाब में बढ़ रहा अपराधों का ग्राफ
उन्होंने आगे कहा कि राज्य में पहले से ही उद्योगों में पलायन देखने को मिल रहा है. जबरन वसूली और अपहरण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. गैंगवार देखी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड जैसे संवेदनशील मामले अभी भी अनसुलझे हैं.
हरियाणा के गृहमंत्री ने किया खुलासा
उन्होंने कहा कि सरकार इन मुद्दों का समाधान करने के बजाय अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए अलगाववाद को हवा दे रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा के गृहमंत्री ने इस सच्चाई का खुलासा किया कि पंजाब पुलिस को अमृतपाल के ठिकाने की विश्वसनीय जानकारी थी. इसके बाद भी डेढ़ दिन तक पुलिस शाहबाद नहीं पहुंची. उन्होने कहा कि भले ही पंजाब पुलिस अपने काम करने में नाकाम रही है, लेकिन हरियाणा पुलिस को उचित कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन वह भी इस मामले में विफल रही है.
सरकार के दावे पर उठाए सवाल
शिअद के कानूनी सेल के अध्यक्ष अर्शदीप सिंह कलेर ने खुलासा किया है कि आप पार्टी की सरकार गलत दावा कर रही है कि 197 लोगों को छोड़ दिया गया है. जबकि सच्चाई यह है कि सरकार के बाधाएं खड़ी करने के बावजूद उन्हें जमानत दिलाई गई है. उन्होंने कहा कि अकाली दल की लीगल सेल ने छात्रों सहित 46 नौजवानों को जमानत दिलाई है. दूसरे नौजवानों के मामलों पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है.
राष्ट्रवाद की आड़ में दबा रहे आवाज
कलेर ने बताया कि ज्यादातर नौजवानों को सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करने से आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने सभी 197 नौजवानों के खिलाफ लंबित मामलों को वापिस लिए जाने की मांग की है. इस बीच अकाली दल ने मीडिया की आवाज दबाने की निंदा की. उन्होंने कहा कि सरकार मीडिया और मीडियाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. उन्हें राष्ट्रवाद की आड़ में चुप कराया जा रहा है.