
खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. वह लगातार वीडियो जारी कर सुरक्षा एजेंसियों को चकमा दे रहा है. ऐसे में अमृतसर के डीसीपी (लॉ एंड ऑर्डर) ने उसे नसीहत दी है.
डीसीपी ने कहा, 'अमृतपाल इन वीडियो को जारी करने के बजाय पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दे. हमने शहर की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा और सतर्कता के कड़े इंतजाम किए हैं. अमृतसर में सब कुछ नियंत्रण में है.'
अधिकारी ने कहा, 'अमृतपाल ने सरबत खालसा का आह्वान किया है. एसजीपीसी इस पर निर्णय लेगी, लेकिन अगर कोई सभा होगी तो हम अमृतसर के लोगों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. ताकि कोई भी असामाजिक तत्व शहर की शांति भंग न करे.'
अधिकारी ने आगे कहा कि अमृतपाल यहां आत्मसमर्पण करने के लिए आए, तो हम उसके लिए भी तैयार हैं. बता दें कि अमृतपाल सिंह 18 मार्च के बाद से ही फरार है. वह पुलिस से बचने के लिए लगातार ठिकाने और हुलिया बदल रहा है.
लगातार ठिकाने और हुलिया बदल रहा अमृतपाल
बता दें कि बीते दिनों पुलिस ने पंजाब के नवा शहर में अमृतपाल के ठिकाने को घेर लिया था. मगर, वो भागने में कामयाब हो गया था. हालांकि, बाद में पुलिस ने अमृतपाल सिंह के ड्राइवर जोगा सिंह को पकड़ लिया था. पूछताछ में ड्राइवर ने बताया था कि अमृतपाल ने फरार होने के दौरान पुलिस को चमका दिया था.
होशियारपुर में अमृतपाल अपने सहयोगी पप्पलप्रीत और ड्राइवर जोगा के साथ फरार हुआ था. तब अमृतपाल ने जोगा से कहा था कि वह अपना मोबाइल फोन ऑन करे और फिर भागे. दरअसल, पंजाब पुलिस जोगा का मोबाइल फोन ट्रैक कर रही थी और उस आधार पर अमृतपाल के लोकेशन की भी ट्रैकिंग हो रही थी.
ड्राइवर को बनाया गया बलि का बकरा
सूत्रों के मुताबिक, जोगा को लुधियाना के आगे सोनेवाल इलाके में पकड़ा गया था. उसने पूछताछ में खुलासा किया है कि अमृतपाल ने उससे कहा था कि वह अपना फोन ऑन रखे. पूछताछ में खुलासा हुआ है कि अमृतपाल ने पंजाब पुलिस से बचने के लिए जोगा को बलि का बकरा बनाया था.
पंजाब से फरार होने में अमृतपाल ने जिस स्कॉर्पियो का इस्तेमाल किया था. पुलिस ने उस कार को भी जब्त कर लिया है. वह पीलीभीत के अमरिया थाना क्षेत्र के बड़ेपुरा स्थित एक गुरुद्वारे के मुख्यग्रंथी मोहन सिंह की थी.
बताया जा रहा है कि फगवाड़ा से अमृतपाल स्कॉर्पियो को छोड़कर इनोवा कार से फरार हुआ था. स्कॉर्पियो अमृतपाल तक कैसे पहुंची, पुलिस इसकी जांच कर रही है. ग्रंथी मोहन सिंह ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने अपनी गाड़ी 5-6 महीने पहले मोहनापुर पूरनपुर स्थित गुरुद्वारे के सेवादार जोगा सिंह को दी थी.