
अजनाला कांड के मुख्य आरोपी खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस काफी लंबे समय से अमृतपाल की तलाश कर रही थी और वो लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था. इस मामले को लेकर पुलिस की काफी किरकरी भी हुई थी. उसके सारे सहयोगियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. उसकी तलाशी के लिए पुलिस विभिन्न राज्यों से लेकर नेपाल तक पहुंच गई थी.
अमृतपाल मोगा से ही पुलिस को चकमा देकर फरार हुआ था और लास्ट मूवमेंट उसकी शाहकोट में ही थी. उसके बाद नांगल अंबिया गांव से उसका एक सीसीटीवी सामने आया था, जहां वह बाइक पर बैठकर फरार हुआ. इसके बाद वह शाहबाद से पीलीभीत पहुंच गया था.
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-23 फरवरी को अमृतपाल और उसके संगठन वारिस पंजाब दे से जुड़े लोगों ने अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया था. अमृतपाल और उसके समर्थकों के हाथ में तलवार, लाठी-डंडे थे. ये पूरा बवाल आठ घंटे तक चला था. ये बवाल अमृतपाल के समर्थक लवप्रीत तूफान की रिहाई को मांग को लेकर हुआ था. लवप्रीत तूफान को पुलिस ने बरिंदर सिंह नाम के शख्स को अगवा और मारपीट करने के आरोप में हिरासत में लिया था. हालांकि, बवाल के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया था. 23 फरवरी की इसी घटना के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया था. इसी मामले में अमृतपाल को पुलिस पकड़ने गई थी.
-18 मार्च: कई दिन तक अमृतपाल अजनाला कांड को लेकर सफाई भी देता रहा. लेकिन जैसे ही 18 मार्च को पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची तो वह फरार हो गया. उसकी तलाशी के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया. इस ऑपरेशन में सात जिलों की पुलिस टीमें शामिल थी.
-18 मार्च: अमृतपाल सिंह मोगा से ही पुलिस को चकमा देकर फरार हुआ था और लास्ट मूवमेंट उसकी शाहकोट में मिली थी. उसके बाद नांगल पालिया गांव से उसका एक सीसीटीवी सामने आया था जिसमें वह बाइक पर बैठकर फरार हुआ.
-19 मार्च : शाहबाद से उसका सीसीटीवी सामने आया जहां उसने एक महिला के घर पर शरण ली थी.
20 मार्च: भगोड़ा घोषित होने के बाद अमृतपाल पर पुलिस ने एनएसए लगा दिया था. एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, जो बेहद सख्त कानून माना जाता है. इस कानून के तहत पुलिस संदिग्ध व्यक्ति को12 महीने तक हिरासत मे ले सकती है.
- 20 मार्च: एक अन्य फुटेज भी सामने आया, जिसमें अमृतपाल कुरुक्षेत्र में देखा गया. फिर उसका एक अन्य सीसीटीवी आया जिसमें वहसे छाता लेकर शाहाबाद बस स्टैंड के सामने एक सड़क पर चलते देखा गया. इसी दिन अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह ने और ड्राइवर ने पंजाब पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था.
-21 मार्च: उसका एक सीसीटीवी सामने आया जो मधु विहार इलाके के रमेश पार्क का था. यहां सड़क पर लगे सरकारी सीसीटीवी कैमरे में दोनों की तस्वीरें कैद हो गईं थी. जैसे ही उसका सीसीटीवी फुटेज आया था तो वह फिर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया.
-23 मार्च: पुलिस जैसे ही शाहबाद पहुंची थी वह वहां से भी फरार हो गया. 23 मार्च को वह उत्तर प्रदेश के पीलीभीत पहुंच गया था.पुलिस पीलीभीत पहुंचती, इसके बाद वह दिल्ली पहुंच गया था.
-28 मार्च: अमृतपाल होशियारपुर में अपने प्रमुख सहयोगी पपलप्रीत सिंह के साथ पंजाब लौटा, लेकिन यहां भी वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका.
-30 मार्च : इस दिन उसके वीडियो और ऑडियो सामने आए. एक वीडियो वीडियो में अमृतपाल ने जोर देकर कहा कि वह भगोड़ा नहीं है और जल्द ही पेश होगा.
-10 अप्रैल: इस दिन पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी पपलप्रीत सिंह को पंजाब पुलिस और पंजाब काउंटर- इंटेलिजेंस ने एक संयुक्त अभियान चलाकर गिरफ्तार कर लिया है.
-15 अप्रैल: अमृतपाल सिंह के मुख्य सहयोगी जोगा सिंह को सरहिंद से गिरफ्तार किया गया. अमृतसर और होशियारपुर पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन के दौरान यह गिरफ्तारी हुई. जोगा सिंह ने अमृतपाल को पीलीभीत में पनाह दी थी.
-23 अप्रैल: पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को मोगा से किया अरेस्ट
मोगा के गुरुद्वारे से अमृतपाल सिंह ने किया सरेंडर, पूर्व जत्थेदार से मिली थी सूचना
पंजाब में उसकी तलाशी के लिए जगह-जगह पैरामिलट्री फोर्सेज तैनात की गई थी और इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 20 पैरामिलट्री कंपनियां मांगी थी और पुलिस ने कई शहरों में सर्च ऑपरेशन चलाया था. पुलिस अमृतपाल के लिए लगातार चुनौती बना हुआ था. पिछले 36 दिनों से वह फरार था. उसकी तलाश में पुलिस ने राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और नेपाल बॉर्डर तक तलाशी अभियान चलाए, जो सफल नहीं रहे.