Advertisement

अमृतसर ट्रेन हादसाः मरते-मरते कई को जिंदगी दे गया 'रावण'

वह रावण की भूमिका निभा रहे थे, राम और लक्ष्मण ने जब पुतले पर बाण चलाए तब उनका रोल खत्म हो गया, वह घर के लिए निकले लेकिन हत्यारी ट्रेन को देख लिया, उन्होंने कई को बचाया, लेकिन खुद जान गंवा बैठे.

फोटो- ANI फोटो- ANI
अमित राय
  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST

अमृतसर रेल हादसे में मारे गए लोगों में रावण का रोल निभाने वाले दलबीर सिहं भी हैं, जो अपनी भूमिका खत्म कर घर लौट रहे थे, उन्हें क्या पता था कि उनकी मौत राम के बाणों से नहीं रावण के रूप में आ रही तेज रफ्तार ट्रेन से हो जाएगी. उन्हें अपने 8 महीने के बेटे से मिलने की जल्दी थी, मां और पत्नी भी उनका इंतजार कर रही थीं. ट्रैक के पास पहुंचने पर उन्होंने देखा कि लोग पुतला दहन देखने में मशगूल हैं और एक ट्रेन तेज रफ्तार से आ रही है, दलबीर आवाज देखर लोगों को हटाने में लग गए. उन्होंने कई को ट्रैक से हटा भी दिया लेकिन खुद ट्रेन की चपेट में आ गए.

Advertisement

घर पर पसरा मातम

दलबीर की मौत की खबर सुनते ही घर में मातम पसर गया, बूढ़ी मां और पत्नी को समझ में नहीं आ रहा है कि अब उनका गुजारा कैसे होगा, घर में रिश्तेदारों और सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है लेकिन 8 महीने के मासूम को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर हुआ क्या है. लोग उसे पुचकार रहे हैं, दुलार रहे हैं और फिर आंखों में आंसू लिए यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इसके सिर से पिता का साया छीनने के जिम्मेदार कौन लोग हैं और उन्हें क्या सजा मिलेगी.

24 साल के थे दलबीर

दलबीर की उम्र 24 साल थी. 8 महीने पहले ही उनके बेटे का जन्म हुआ था. वह पत्नी, विधवा मां और बेटे के साथ रहते थे. इस बार वह मुहल्ले की रामलीला में रावण का अभिनय कर रहे थे. किसी को इसका इल्म नहीं था कि रावण वध के साथ ही उनके जीवन का भी अंत हो जाएगा.

Advertisement

मां ने सरकार से मांगी बहू के लिए नौकरी

दलबीर की मां ने सरकार से मांग की है कि उनकी बहू को नौकरी दी जाए, उन्होंने कहा कि उसकी गोद में 8 महीने का बच्चा है उसका लालन-पालन कैसे होगा, सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement