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'पंजाब में कंटीली तारों और बॉर्डर के बीच की दूरी घटाए केंद्र', भगवंत मान ने अमित शाह से अपील की

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को गृह मंत्रियों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से सरहदी राज्य होने के कारण पंजाब को सुरक्षित करने को लेकर कई मांगें की. इस दौरान उन्होंने पठानकोट में एनएसजी का केंद्र स्थापित करने की अपील की. पंजाब को 'ए' कैटेगरी में शामिल करने की मांग भी की.

सीएम भगवंत मान ने गृह मंत्रियों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया (फाइल फोटो) सीएम भगवंत मान ने गृह मंत्रियों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • फरीदाबाद,
  • 28 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 8:29 PM IST

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को राज्य में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर लगी कंटीली तार के कारण किसानों को हो रही दिक्कतों पर विचार करने की अपील की.

सीएम भगवंत मान गृह मंत्रियों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अमित शाह से कंटीली तार और असल सरहद के बीच दूरी को घटाने की अपील की ताकि किसानों को तार के पार अपनी जमीन पर खेती करने वाले किसानों को सुविधा मिल सके. उन्होंने कहा कि यह दूरी मौजूदा एक किलोमीटर की बजाए 150-200 मीटर तक घटा दी जाए. उन्होंने कहा कि इससे एक ओर भूमि का सही इस्तेमाल होगा और देश की सुरक्षा भी मजबूत होगी.

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पठानकोट में NSG केंद्र बनाया जाए

सीएम मान ने केंद्र सरकार को पठानकोट में एनएसजी का क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने की अपील की. उन्होंने कहा कि पठानकोट एयरबेस पर हमले के दौरान गुरुग्राम से एनएसजी को रवाना किया गया था, जिसमें काफी समय लगा था. भगवंत मान ने कहा कि पठानकोट में एनएसजी केंद्र की स्थापना से पूरे उत्तरी क्षेत्र में आतंकवाद की गतिविधियों का प्रभावशाली ढंग से मुकाबला करने में मदद मिलेगी.

पंजाब को 'ए' कैटेगरी में रखा जाए

553 किमी अंतरराष्ट्रीय सीमा लगने के कारण पंजाब को संवेदनशील राज्य बताते हुए भगवंत मान ने सुरक्षा कारणों के मद्देनजर राज्य को मौजूदा कैटेगरी-बी की बजाए कैटेगरी-ए में शामिल करने की मांग की. सीएम ने कहा कि पंजाब को जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर-पूर्वी राज्यों के बराबर समझा जाना चाहिए, क्योंकि सरहद पार से ड्रोनों की घुसपैठ से आतंकवाद का खतरा है.

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भगवंत मान ने कहा कि कैटागरी-ए राज्य होने के नाते पंजाब को केंद्र और राज्य के दरमियान 90:10 की हिस्सेदारी के अनुपात के मुताबिक वित्तीय सहायता मिलनी चाहिए, जबकि कैटागरी-बी के तहत राज्यों के लिए 60:40 की हिस्सेदारी के अनुपात पर वित्तीय सहायता की व्यवस्था है.

भगवंत मान ने केंद्र से ये भी मांगें की

- बॉर्डर एरिया डिवैल्पमैंट प्रोग्राम (बी.ए.डी.पी.) स्कीम के तहत बकाया फंड जारी करने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह फंड पिछले दो वित्तीय वर्षों (2020-21 और 2021-22) से नहीं बांटे गए.

- पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण (एम.ओ.पी.एफ.) फंडों के संबंध में राज्य को छूट देने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस समय पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण के लिए स्कीम के अंतर्गत कैटागरी-बी राज्यों के लिए (2014-15 से) निर्माण कार्यों और वाहन के संचालन के लिए फंड बंद कर दिए गए हैं.

- 24 करोड़ रुपये की प्रांतीय कार्य योजना को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री से दखल देने की मांग की.

- पंजाब में सुरक्षा के संवेदनशील हालात के मद्देनजर 50 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड देने की मां की, ताकि सरहदी पुलिस थानों, सुरक्षा की दूसरी लाइन और खुफिया बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सके.

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