Advertisement

'गवर्नर हाउस घेरने वाले BJP नेता पंजाब विरोधी,' CM मान का कैप्टन अमरिंदर पर हमला

पंजाब में कानून व्यवस्था को लेकर आम आदमी पार्टी विपक्षी नेताओं के निशाने पर है. बीजेपी और शिअद ने भगवंत मान सरकार पर कानून व्यवस्था नियंत्रण में नहीं होने का आरोप लगाया है. बीजेपी नेता फतेह जंग बाजवा ने आप पर राज्य को चलाने में सक्षम नहीं होने का आरोप लगाया. शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि आज के पंजाब में कोई भी सुरक्षित नहीं है.

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने ट्वीट कर बीजेपी नेता अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है. पंजाब के सीएम भगवंत मान ने ट्वीट कर बीजेपी नेता अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है.
aajtak.in
  • चंडीगढ़,
  • 28 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 4:48 AM IST

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह समेत भाजपा नेताओं पर हमला बोला और राज्य में 'राज्यपाल शासन' की मांग करने का आरोप लगाया. मान ने कहा कि लोग जानते हैं कि ये नेता हमेशा पंजाब विरोधी रहे हैं. वहीं, मान सरकार पर बीजेपी, शिअद नेताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं और राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा है.

Advertisement

बता दें कि भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार विपक्ष के निशाने पर है. बीजेपी समेत विपक्षी दलों के नेता राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का आरोप लगा रहे हैं. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री की राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से भी अनबन चल रही है. ऐसे में राज्य का सियासी माहौल गरम देखने को मिल रहा है.

राज्यपाल और सीएम के बीच भी चल रही है अनबन

पिछले हफ्ते राज्यपाल ने संकेत दिया कि उन्हें विधानसभा के बजट सत्र को बुलाने की कोई जल्दी नहीं है. गवर्नर ने मुख्यमंत्री की तरफ से राजभवन भेजे गए पत्र की भाषा पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने सीएम की 'अपमानजनक प्रतिक्रिया' पर आपत्ति जताई और कानूनी पहलुओं पर विचार करने की बात कही थी. इससे पहले मुख्यमंत्री मान ने राज्यपाल को पत्र भेजकर बताया था कि पंजाब कैबिनेट ने 3 मार्च से विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला किया है. हालांकि, राज्यपाल ने अब तक इस फैसले को मंजूरी नहीं दी है.

Advertisement

मान ने कहा- राजभवन घेर रहे हैं बीजेपी नेता

अब मान ने ट्वीट कर कहा- कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह, केवल ढिल्लों, बलबीर सिंह सिद्धू, फतेह जंग बाजवा, राज कुमार वेरका, गुरप्रीत कांगड़, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी अक्सर राज्यपाल आवास के आसपास देखे जा सकते हैं. ये लोग पंजाब में राज्यपाल शासन की बात कर रहे हैं. पंजाब के लोग जानते हैं कि वे हमेशा पंजाब विरोधी रहे हैं. 

बजट पत्र की मंजूरी के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार: राघव

आप सांसद राघव चड्ढा ने रविवार को कहा कि राज्यपाल विधानसभा का बजट सत्र बुलाने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले का जवाब नहीं दे रहे हैं. ऐसे में पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. वहीं, पंजाब भाजपा नेता फतेह जंग बाजवा ने राज्य में कथित रूप से बिगड़ती कानून व्यवस्था समेत विभिन्न मुद्दों पर आप सरकार पर हमला बोला और पंजाब में राज्यपाल शासन की मांग की.

राज्य चलाने में सक्षम नहीं है सरकार: बीजेपी

सोमवार को बाजवा ने आप पर राज्य को चलाने में सक्षम नहीं होने का आरोप लगाया. उन्होंने यहां तक कहा कि हमारी पार्टी वर्तमान स्थिति पर विचार करते हुए मांग करती है कि पंजाब में राज्यपाल शासन लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दूसरे राज्यों से निवेश आकर्षित करने की बात कर रही है, लेकिन मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए मौजूदा उद्योग के चले जाने का डर है.

Advertisement

आज के पंजाब में कोई सुरक्षित नहीं: बादल

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी कानून व्यवस्था के मुद्दे पर आप सरकार पर हमला बोला. बादल ने एक बयान में कहा, आज के पंजाब में कोई भी सुरक्षित नहीं है. हाल ही में अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में कट्टरपंथियों द्वारा अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले के दौरान देखा गया है. साथ ही अन्य घटनाएं भी हुई हैं, जिन्होंने सरकार के नियंत्रण की पोल खोली है और पुलिस के मनोबल को गिराया है.

इधर, पंजाब के भाजपा नेता सुभाष शर्मा ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए आप की आलोचना की. उन्होंने कहा- गिरफ्तारी सबूत के आधार पर की गई है. SAD नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने मांग की कि दिल्ली आबकारी नीति मामले की सीबीआई जांच को पंजाब तक बढ़ाया जाए. दावा किया कि सिसोदिया पंजाब आबकारी नीति के शिल्पकार भी थे, जिन्होंने राज्य के खजाने को सैकड़ों करोड़ का नुकसान पहुंचाया है.

मजीठिया ने आरोप लगाया कि पंजाब और दिल्ली में आबकारी नीति के एक्टर और डायरेक्टर समान हैं. दिल्ली के मामले में सीबीआई को वरिष्ठ अधिकारियों और आप नेताओं की भूमिका की जांच करनी चाहिए, जिन्होंने चुनिंदा शराब निर्माताओं को भारी लाभ देने के लिए सांठगांठ की है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement