
पंजाब सरकार ने आज अपना आखिरी बजट पेश किया.बजट पेश होने से पहले विधानसभा के बाहर शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने SAD विधायकों के निलंबन समेत कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. अकाली दल के विधायकों को रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनेन का इस्तेमाल किया है, हालांकि बजट पेश होने के बाद स्पीकर राणा केपी सिंह ने अकाली दल के 10 विधायकों के निलंबन को रद्द कर दिया है.
राज्य विधानसभा का बजट सत्र 1 मार्च को राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ. सत्र 10 मार्च तक जारी रहने वाला है. मुख्यमंत्री के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान हंगामे के कारण शुक्रवार (5 मार्च) को सभी शिरोमणि अकाली दल के विधायकों को बाकी सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था.
इस बीच शिरोमणि अकाली दल ने भी मुख्यमंत्री कैप्टन (सेवानिवृत्त) अमरिंदर सिंह से अपील की कि आज बजट प्रस्तुति में पंजाब के लोगों से किए गए वादों को पूरा करें. पूर्व मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि सरकार ने पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादों में से 84.6 प्रतिशत को पूरा किया है, शेष 15.4 प्रतिशत वादों को पूरा करना चाहिए.
वहीं, पूर्व कैबिनेट मंत्री और अकाली दल विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया ने चालू बजट सत्र से अकाली विधायकों के निलंबन को रद्द करने की मांग की. उन्होंने विपक्ष के सभी विधायकों को वित्त मंत्री मनप्रीत बादल की ओर से पेश किए जाने वाले बजट का विरोध करने की अपील की. मजीठिया ने आगामी बजट को झूठ का बंडल बताया है.
अकाली दल विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि स्पीकर राणा केपी सिंह ने 'अंख मटक्का' के जरिए सीएम से निर्देश लिया और अकाली दल के विधायकों को निलंबित कर दिया. उन्होंने कहा कि वे प्रमुख मुद्दों को उठाना जारी रखेंगे, जिसमें किसानों की पूर्ण कर्ज माफी, युवाओं के लिए नौकरी, 2,500 रुपये बेरोजगारी भत्ता शामिल हैं.