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21 दिन में घर वापसी! BJP में गए चंडीगढ़ के 2 पार्षद AAP में लौटे, मेयर चुनाव के बाद बदला था पाला

कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए चंडीगढ़ के तीन पार्षदों में से 2 ने फिर से घर वापसी कर ली है. दोनों पार्षद- पार्षद-पूनम देवी और नेहा मुसावत फिर से आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं.

BJP में गए चंडीगढ़ के 2 पार्षद वापस AAP में लौटे BJP में गए चंडीगढ़ के 2 पार्षद वापस AAP में लौटे
पंकज जैन
  • चंडीगढ़,
  • 09 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 7:55 PM IST

कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए चंडीगढ़ के तीन पार्षदों में से 2 ने फिर से घर वापसी कर ली है. दोनों पार्षद फिर से आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं. पूनम देवी गुरचरण काला और नेहा मुसावत ने 18 फरवरी को बीजेपी का दामन थाम लिया था जिनमें से पूनम और नेहा फिर से आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं.

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आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले ये तीनों पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए थे. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद के साथ उनका पार्टी में स्वागत करते हुए कहा था कि पार्षदों को पूर्ण मान-सम्मान मिलेगा, उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी.

सीएम के ओएसडी ने कराई घर वापसी

नेहा मुसावत वार्ड नंबर-19 और पूनम कुमारी वार्ड नंबर-16 से पार्षद हैं. मुख्यमंत्री भगवंत मान के ओएसडी राजबीर घुम्मण और आप चंडीगढ़ के सह-प्रभारी सनी आहलूवालिया ने दोनों की घर वापसी करवाई. अब चंडीगढ़ में इंडिया गठबंधन के पास कुल 19 पार्षद हो गए हैं, नगर निगम में बहुमत के लिए जरूरी संख्या भी 19 ही है. पार्टी में शामिल होने के बाद दोनों पार्षदों ने कहा कि एक साथ रहते हुए कई बार मनमुटाव हो जाता है, लेकिन पार्टी नेतृत्व से बातचीत के बाद हमारी सारी नाराजगी दूर हो गई है इसीलिए हमने घर वापसी करने का फैसला किया. अब हम पार्टी की मजबूती के लिए मिलकर काम करेंगे.

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दोनों पार्षदों के वापस आने के बाद चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के पार्षदों की संख्या अब 12 हो गई है. कांग्रेस के पास 7 पार्षद है. दोनों पार्टियों को मिलकर अब इंडिया गठबंधन के पास 19 पार्षद है और चंडीगढ़ नगर निगम में बहुमत के लिए जरूरी संख्या भी 19 ही है.

बीजेपी को यहां मिला था फायदा

तीन पार्षदों के पाला बदलने के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्षदों की संख्या नगर निगम में 20 से घटकर 17 रह गई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव का फैसला इंडिया ब्लॉक के पक्ष में दिया था जिससे बीजेपी को झटका लगा था. जिसके बाद वहां मेयर पद पर पहली बार INDIA ब्लॉक का मेयर बना था. लेकिन पार्षदों का पाला बदलने का फायदा बीजेपी को सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में मिला था जहां बीजेपी ने जीत हासिल की थी. 


SC ने रिटर्निंग ऑफिसर को लगाई थी फटकार

गत 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था. इसमें कथित धांधली को लेकर कांग्रेस और AAP की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूरी चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और बैलट पेपर सील करने का निर्देश दिया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मेयर चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह को फटकार लगाई थी और कहा था, 'सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है उन्होंने (प्रिजाइडिंग ऑफिसर) ने मतपत्रों को खराब किया. उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. यह लोकतंत्र का मजाक है. लोकतंत्र की हत्या है, हम आश्चर्यचकित हैं'.

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30 जनवरी को क्या हुआ

30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सांसद किरण खेर के वोट डालने के बाद गिनती शुरू की गई. बीजेपी के पक्ष में 16 वोट पड़े थे, जबकि कांग्रेस और AAP गठबंधन के पक्ष में 20 वोट पड़े थे, लेकिन प्रिजाइडिंग ऑफिसर ने कथित रूप से उनके 8 वोट रद्द कर दिए और 16 पार्षदों के समर्थन वाले बीजेपी के जीत का ऐलान कर दिया. इसके बाद AAP और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी.

मेयर चुनाव के प्रिजाइडिंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह बैलेट पेपर पर पेन चलाते हुए दिखे. इसी वीडियो को AAP और कांग्रेस ने सबूत के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था.

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