
पंजाब कांग्रेस में कलह थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रताप सिंह बाजवा के बीच चल रही कोल्ड वॉर को राहुल गांधी ने खुद दखल देकर किसी तरह खत्म करवाया था और अब पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब में पार्टी के दलित नेता और राज्यसभा सांसद शमशेर सिंह दुलो के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है.
दरअसल पंजाब कांग्रेस के दलित चेहरों हंस राज हंस और शमशेर सिंह दुलो के बीच काफी दिनों से मनमुटाव तल रहा है और हंस राज हंस कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं. दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इशारों-इशारों में शमशेर सिंह दुलो को नसीहत दी थी कि पार्टी के सीनियर नेताओं को उम्र के आधार पर सियासत छोड़ देनी चाहिए.
वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस बयान के सामने आने के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शमशेर सिंह दूलो ने कैप्टन अमरिंदर सिंह और हंस राज हंस पर हमले किए. दुलो ने कहा कि कैप्टन मेरे से 10 साल बड़े हैं, इसलिए वो पहले सियासत छोड़ें. इसके बाद मैं भी छोड़ दूंगा. रही बात हंस की तो उन्हें बादलों ने साजिश के तहत कांग्रेस में भेजा है ताकि पार्टी को दोफाड़ कर चुनाव में नुकसान पहुंचा सकें. दूलो ने कैप्टन की उस बात का जवाब दिया है जिसमें कैप्टन ने कहा था, दूलो को अब नए पार्टी नेताओं को भी आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए. यह सब कुछ दूलो और हंस के बीच पिछले दिनों हुए टकराव का नतीजा माना जा रहा है.
वहीं कांग्रेस में चल रही इस अंतरकलह पर पंजाब कांग्रेस के सीनियर लीडर पर्दा डालने में लगे है. कांग्रेस के सीनियर लीडर सुनील जाखड़ ने कहा कि पार्टी में कोई अंतरकलह या मनमुटाव नहीं है और कांग्रेस पार्टी पंजाब की दोनों विपक्षी पार्टियों आम आदमी पार्टी और अकाली-बीजेपी गठबंधन को हराकर पंजाब में सरकार बनाएगी.
वहीं कांग्रेस में चल रही इस अंर्तकलह ने अकाली दल को कांग्रेस पर बैठे-बिठाये हमला करने का मौका दे दिया है. अकाली दल के सीनियर लीडर मनजिंदर सिंह सिरसा ने चुटकी लेते हुए कहा कि पहले कांग्रेस अपनी पार्टी के अंदरुनी झगड़े को तो सुलझा ले फिर अकाली-बीजेपी गठबंधन को पटखनी देने की बात करें.
पिछले 10 साल से पंजाब में सत्ता से दूर कांग्रेस को आने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीद है कि वो पंजाब में सरकार बनाने में कामयाब होंगे और इसी वजह से कांग्रेस आलाकमान लगातार पंजाब में पार्टी नेताओं को आपसी कलह छोड़कर एकजुट करने की कोशिश में लगी है लेकिन जिस तरह से रोजाना पार्टी का अंदरूनी कलह बढ़ रहा है उससे लगता नहीं कि पंजाब कांग्रेस के नेता अपने आलाकमान के कहने पर भी अपने घमंड को छोड़कर इस अंतर्रकलह को छोड़ने को तैयार है.