Advertisement

अफीम पर सिद्धू के बयान से पार्टी ने किया किनारा, कहा- इसका विरोध करेंगे

पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के अफीम की खेती को लेकर दिए बयान के बाद राज्य और पार्टी में बवाल मच गया है. विरोधी अकाली दल के साथ ही उनकी खुद की पार्टी ने बयान से किनारा कर लिया है.

नवजोत सिंह सिद्धू(साभार- एएनआई) नवजोत सिंह सिद्धू(साभार- एएनआई)
राहुल झारिया/सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 02 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST

पंजाब के कैबिनेट मिनिस्टर नवजोत सिंह सिद्धू  एक बार फिर अपने बयान को लेकर फंसते नजर आ रहे हैं. सोमवार को अफीम की खेती को लेकर दिए गए उनके बयान के बाद पंजाब में राजनीतिक बवाल मचा हुआ है. सिद्धू ने अपने बयान में अफीम के इस्तेमाल को सही करार दिया था. 

दरअसल, सिद्धू ने रविवार को लुधियाना में कार्यक्रम के दौरान कहा था कि राज्य में अफीम की बिक्री को बैन नहीं किया जाना चाहिए और उनके चाचा जी खुद पर्ची से अफीम खरीदा करते थे, लेकिन पंजाब को अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने चिट्टे यानी सिंथेटिक नशे के कारोबार से बर्बाद करके रख दिया है.

Advertisement

कैबिनेट में उनके ही साथी मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने सिद्धू की मांग को उनकी निजी राय करार देते हुए कहा कि पंजाब सरकार अफीम जैसे नशे को बढ़ावा देने के लिए ऐसा कुछ नहीं कर सकती और अगर कोई ऐसी मांग उठती है तो वो इसका विरोध करेंगे.

वहीं, अकाली दल ने भी सिद्धू की इस मांग को गैर वाजिब करार दिया है. पार्टी के मुताबिक, ये कोई विकल्प नहीं है कि पंजाब सरकार सिंथेटिक नशे यानी चिट्टे को खत्म नहीं कर पा रही तो अफीम की बिक्री को जायज कर दे.

अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में अफीम की खेती की जाती है, लेकिन वहां ये खेती दवाओं और अफीम के दूसरे वाजिब इस्तेमाल के लिए सरकार के नियंत्रण में की जाती है.  

Advertisement

दलजीत सिंह के मुताबिक, क्या पंजाब में ऐसा मुमकिन है कि अफीम की खेती हो और उसकी पैदावार का गलत इस्तेमाल न हो.

अकाली दल ने सिद्धू को सीख दी कि इस तरह की राय देना पंजाब के कैबिनेट मिनिस्टर को शोभा नहीं देता और ऐसी बात कहकर वे राज्य में नशे के खात्मे के अपनी पार्टी के वादे को पूरा न कर पाने की वजह से जनता का ध्यान डाइवर्ट करने की कोशिश कर रहे हैं.

इस बयान से सिद्धू ने पंजाब सरकार और कांग्रेस के लिए एक नई मुश्किल खड़ी कर दी है. वे पहले भी कई बार इस तरह के बयान दे चुके हैं, जिससे खुद उनके लिए और पंजाब की कैप्टन सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो चुकी हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement