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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन और वर्तमान पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू सहित भाजपा और आरएसएस के नेताओं को शामिल करने की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस पर हमला किया. साथ ही कांग्रेस की 'धर्मनिरपेक्षता' पर सवाल उठाया. सिंह ने कहा कि कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता की बात करने वाली कोई नहीं होती है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से की गई तीखी टिप्पणी कांग्रेस नेता और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष हरीश रावत के ऊपर की गई थी. रावत ने एक दिन पहले कैप्टन पर हमला बोलते हुए कहा था, ''पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री को कोई भी नहीं रोक सकता है अगर वह धर्मनिरपेक्षता के लिए अपनी पुरानी प्रतिबद्धता के साथ नहीं रह सकते हैं तो.'' हरीश रावत ने यह बयान कैप्टन अमरिंदर सिंह के नई पार्टी बनाने और बीजेपी से संभावित गठबंधन करने के ऐलान के बाद आया था.
कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट कर पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया से अवगत करवाया. उन्होंने कैप्टन के हवाले से लिखा, ''हरीश रावत जी, सेक्युलरिज्म के बारे में बोलना बंद कर दीजिए. यह मत भूलिए कि कांग्रेस ने सिद्धू को तब लिया जब वह 14 सालों तक बीजेपी के साथ थे और नाना पटोले और रेवांथ रेड्डी कहां से आए हैं यदि आरएसएस से नहीं आए हैं तो? परगट सिंह भी अकाली दल के साथ चार सालों तक रह चुके हैं.''
उन्होंने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ किए गए कांग्रेस के गठबंधन पर सवाल खड़े करते हुए कहा, ''और आप महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ क्या कर रहे हैं? या फिर आप यह कह रहे हैं कि तथाकथित कम्युनल फोर्सेज के साथ तब तक शामिल होना ठीक है, जब वह कांग्रेस के अनुकूल हो? यह सरासर राजनीतिक अवसरवाद नहीं तो क्या है?
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कुछ समय पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है. वह इसके बाद से ही कांग्रेस और उनके नेताओं पर हमला बोल रहे हैं. सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह काफी सालों से एक-दूसरे का विरोध जताते रहे हैं. इसके अलावा, कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ने का भी ऐलान कर दिया है और नई पार्टी बनाने का फैसला लिया है.