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पंजाबः ऊर्जा मंत्री के बेटे को ED का नोटिस, विदेश में पैसा रखने का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय ने राणा इंद्र प्रताप सिंह को नोटिस भेजकर 17 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के लिए कहा है. प्रवर्तन निदेशालय को शक है कि राणा गुरजीत सिंह के बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह ने विदेशों में अपनी कंपनी के शेयर बेचकर गैर कानूनी तरीके से पैसा एकत्र किया.

प्रवर्तन निदेशालय (फाइल फोटो) प्रवर्तन निदेशालय (फाइल फोटो)
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 06 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

अपने रसोइए के नाम पर रेत की खान का टेंडर हासिल करने वाले पंजाब के ऊर्जा मंत्री राणा गुरजीत सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उनके बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह पर आरोप है कि उन्होंने बिना इजाजत विदेशों में ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट (जीडीआर) के माध्यम से करीब 100 करोड़ रुपये जुटाए और फिर उसे मदिरा आइलैंड, पुर्तगाल के एक बैंक में जमा किया. उसके बाद इस पैसे को भारत में अपनी कंपनी राणा शुगर्स लिमिटेड के खाते में स्थानानतरित किया.

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प्रवर्तन निदेशालय ने राणा इंद्र प्रताप सिंह को नोटिस भेजकर 17 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के लिए कहा है. प्रवर्तन निदेशालय को शक है कि राणा गुरजीत सिंह के बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह ने विदेशों में अपनी कंपनी के शेयर बेचकर गैर कानूनी तरीके से पैसा एकत्र किया. पैसा राणा शुगर्स लिमिटेड नाम की कंपनी के नाम पर इकट्ठा किया गया, जो 1992 में स्थापित की गई थी. उसका मुख्यालय चंडीगढ़ में है. इंद्र प्रताप इस कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं. इस कंपनी की स्थापना पंजाब के ऊर्जा मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने की थी.

सूत्रों के मुताबिक राणा इंदर प्रताप सिंह ने फेमा का उल्लंघन करके न केवल अवैध तरीके से पैसा जुटाया बल्कि विदेशी निवेशकों द्वारा विदेशी बैंकों से उठाए गए कर्ज की गारंटी भी दी. अब तक हुई जांच में खुलासा हुआ है कि राणा शुगर लिमिटेड ने भारतीय रिजर्व बैंक को इस राशि के बारे में कोई सूचना नहीं दी जबकि फेमा नियमों के तहत रिजर्व बैंक को विदेशों में जुटाए गए धन की जानकारी देना जरूरी है. यही नहीं ऊर्जा मंत्री और उनके बेटे की कंपनी ने 100 करोड़ रुपये कहां खर्च किए इसका व्यौरा भी नहीं है.

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सूत्रों के मुताबिक ईडी के ध्यान में यह गड़बड़झाला सेबी ने लाया. क्योंकि राणा की कंपनी ने सेबी को भी 100 करोड़ रुपये जुटाने की सूचना नहीं दी थी. हालांकि राणा शुगर्स लिमिटेड ने डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स द्वारा 19 जनवरी 2000 को जारी किए गए निर्देशों का हवाला देते हुए प्रवर्तन निदेशालय के आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि नियमों के तहत ही विदेशों से पैसा जुटाया है.

लेकिन प्रवर्तन निदेशालय राणा शुगर्स लिमिटेड के जवाब से संतुष्ट नहीं है. 2 जनवरी को जारी किए गए नोटिस के आधार पर राणा शुगर्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राणा इंद्र प्रताप सिंह को व्यक्तिगत रुप से 17 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय में हाजिर होने के लिए कहा गया है.

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