Advertisement

पंजाबः कैप्टन अमरिंदर के बयान पर सियासत तेज, हरसिमरत कौर ने किया पलटवार

अकाली दल की नेता हरसिमरत ने मुख्यमंत्री कैप्टन पर हमला करते हुए कहा कि हमने किसानों के साथ खड़े होने के लिए काला कानून पारित होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया. आप उन्हें पंजाब से बाहर जाने और दिल्ली जाने के लिए कह रहे हैं.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर (File-PTI) पूर्व केंद्रीय मंत्री और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर (File-PTI)
aajtak.in
  • चंडीगढ़,
  • 15 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:12 PM IST
  • 'हमने कृषि बिलों के खिलाफ वोट किया, आपने वॉकआउट किया'
  • आंदोलन से पंजाब को आर्थिक तौर पर काफी नुकसान हुआः कैप्टन

केंद्र के कृषि कानूनों को लेकर पंजाब के किसान सबसे ज्यादा मुखर हैं और कई जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं, लेकिन प्रदर्शन को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के किसानों के दिल्ली और हरियाणा में धरना देने और पंजाब में नहीं देने के बयान पर सियासत तेज होती जा रही है. अकाली दल की नेत हरसिमरत कौर ने कहा कि आपकी इस बयान को राज्य नहीं भूलेगा.

Advertisement

पूर्व केंद्रीय मंत्री और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला करते हुए कहा, 'हमने कृषि बिलों के खिलाफ मतदान किया, जबकि आप की पार्टी ने वॉकआउट किया था. हमने किसानों के साथ खड़े होने के लिए काला कानून पारित होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया. आप उन्हें पंजाब से बाहर जाने और दिल्ली जाने के लिए कह रहे हैं कि जैसे कि वे आपके लिए एक उपद्रव की तरह हैं. पंजाब इसे नहीं भूलेगा.'

इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को होशियारपुर में एक रैली में दावा किया कि किसान आंदोलन के कारण पंजाब सरकार को आर्थिक तौर पर काफी नुकसान हुआ है.

इसे भी क्लिक करें --- किसान आंदोलन पर कैप्टन अमरिंदर सिंह का यू-टर्न! बोले- पंजाब के लोगों को हो रहा नुकसान

Advertisement

क्या कहा था कैप्टन ने

मुख्यमंत्री कैप्टन साथ ही किसान संगठनों पर भी जमकर बरसे. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान संगठनों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पंजाब सरकार के समर्थन के कारण ही वे दिल्ली में हैं. यदि हम किसानों को पंजाब में रोक देते तो वे सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर नहीं पहुंच पाते.

उन्होंने अपने भाषण में आगे कहा कि हरियाणा और दिल्ली के अलावा अकेले पंजाब में ही किसान 113 जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान दिल्ली और हरियाणा में धरना दें, पंजाब में नहीं. 

इस बीच अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि 2020 में जिस 17 सितंबर के दिन तीन कृषि कानून पास किया गया था, उसे 'काला दिन' के रूप में मनाया जाएगा. हम अपने किसान भाइयों से अनुरोध करते हैं कि किसान इन काले कानूनों को पारित करने के लिए भारत सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिए दिल्ली में गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से संसद तक के ऐतिहासिक मार्च में शामिल हों. 

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पंजाब के किसानों को पंजाब में आर्थिक माहौल नहीं बिगाड़ने और दूसरे राज्यों में जाकर प्रदर्शन करने के बयान पर बुधवार को जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से कई सवाल किए गए तो उन्होंने इन सवालों पर कहा- नो कमेंट्स.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement