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'डॉक्टर्स के साथ बदतमीजी नहीं हुई, वो भी हमारे ही बच्चे', बोले किसान नेता काका सिंह कोटड़ा

किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि मेरी डॉक्टर बलबीर सिंह से बात हुई है, मैंने उनसे कहा है कि आप जो 12 घंटे की शिफ्ट में डॉक्टर भेज रहे हैं. भले ही आप डॉक्टर कम भेजिए, लेकिन ऐसी टीम बनाएं कि 24 घंटे डॉक्टर यहां पर रहे.

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल कई दिन से आमरण अनशन पर हैं (फाइल फोटो- पीटीआई) किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल कई दिन से आमरण अनशन पर हैं (फाइल फोटो- पीटीआई)
कमलजीत संधू
  • चंडीगढ़,
  • 22 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:27 PM IST

किसानों की मांगों को लेकर पिछले 58 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अपना इलाज कराने से इनकार कर दिया था और कहा कि वह ऐसा तभी करेंगे जब प्रशासन के अधिकारी किसानों से मिलने खनौरी बॉर्डर पर आएंगे. इसी बीच डॉक्टरों की टीम ने किसानों पर अपने साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर जगजीत सिंह डल्लेवाल की देखरेख करने से इनकार कर दिया है. डॉक्टरों की टीम ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को पत्र लिखकर शिकायत की थी. अब इस मामले में किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि डॉक्टर के साथ किसी भी तरह की कोई बदतमीजी नहीं हुई है, वह भी हमारे ही बच्चे हैं.

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किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि मेरी डॉक्टर बलबीर सिंह से बात हुई है, मैंने उनसे कहा है कि आप जो 12 घंटे की शिफ्ट में डॉक्टर भेज रहे हैं. भले ही आप डॉक्टर कम भेजिए, लेकिन ऐसी टीम बनाएं कि 24 घंटे डॉक्टर यहां पर रहे. काका सिंह ने बताया कि मैंने उनसे कहा है कि हमने मुश्किल से जगजीत सिंह डल्लेवाल को मेडिकल एड लेने के लिए मनाया है, ट्रेनी डॉक्टर्स की जगह अच्छे डॉक्टर यहां पर भेजिए.

डॉक्टरों ने अपने पत्र में क्या लिखा?

डॉक्टरों ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को पत्र लिखकर शिकायत की है. इसमें उन्होंने लिखा कि हम सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स को किसानों और मीडिया कर्मियों से लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. इसमें जगजीत सिंह डल्लेवाल और उनके समर्थकों की ओर से हमारे साथ कई बार मौखिक दुर्व्यवहार किए जाने के कई प्रकरण भी शामिल हैं. इसलिए हम खनौरी बॉर्डर पर अपनी ड्यूटी जारी नहीं रखेंगे. 

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किसान नेताओं ने लगाया ये आरोप 

किसान नेता काका सिंह ने आरोप लगाया था कि ट्रेनी डॉक्टर ठीक से ड्रिप भी नहीं लगा सका, जिस कारण जगजीत सिंह डल्लेवाल के दोनों हाथों से खून बहने लगा. फिर ​प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर ने उनका इलाज किया. किसान नेताओं की शिकायत के बाद सिविल सर्जन डॉ. जगपालिंदर सिंह के नेतृत्व में पटियाला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक टीम खनौरी बॉर्डर पहुंची थी. 

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