
किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने आज सोमवार को मोहाली के अंब साहिब गुरुद्वारा में बैठक कर आगामी आंदोलन की रणनीति तैयार की. बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि 19 मार्च को केंद्र सरकार के साथ वार्ता से लौट रहे किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 1947 और 1984 जैसी स्थिति बना दी गई.
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने सैकड़ों किसानों को गिरफ्तार किया और महिला व बुजुर्ग किसानों पर लाठीचार्ज किया. किसान नेताओं ने इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताते हुए सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की.
20 मार्च की घटनाओं पर आक्रोश
किसान मजदूर मोर्चा के नेताओं ने बताया कि 20 मार्च को संगठन के वरिष्ठ नेता बलवंत सिंह बहरामके को पुलिस ने बाजवा ढाबे के पास बेरहमी से पीटा. लाठीचार्ज की इस घटना के वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें पुलिस की बर्बरता साफ देखी जा सकती है. इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने स्थानीय खनन माफिया से मिलकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर खड़े किसानों के ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और करोड़ों के सामान की चोरी करवाई. उनका आरोप है कि इसमें स्थानीय विधायक की मिलीभगत थी.
किसान नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि उनके साथी जगजीत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उसकी लोकेशन लगातार बदली जा रही है. अब तक उनसे मुलाकात नहीं करवाई गई है और न ही उनकी कोई जानकारी साझा की गई है.
किसानों का ऐलान– 31 मार्च को मंत्रियों के घरों का घेराव
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने सरकार के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया है. किसानों ने ऐलान करते हुए कहा कि 31 मार्च को पंजाब में आम आदमी पार्टी के मंत्रियों के घरों के बाहर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा. यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो यह अनिश्चितकालीन धरने में बदल सकता है.
वहीं 28 मार्च को SKM भारत द्वारा डीसी कार्यालयों के बाहर किए जाने वाले धरना प्रदर्शन का पूर्ण समर्थन किया जाएगा. 27 मार्च को अपवाद क्षेत्र में सामुदायिक सद्भाव को मजबूत करने के लिए गुरुद्वारा नथाना साहिब, गांव जंढमंगोली में "पुवाद सद्भावना संगत" आयोजित की जाएगी.
ये हैं किसानों की मुख्य मांगें
किसानों का कहना है कि जेलों में बंद सभी किसानों को बिना शर्त रिहा किया जाए. वहीं विधायक गुरलाल घन्नौर की विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए. किसानों के चोरी हुए सामान को बरामद कर नुकसान की भरपाई की जाए. चोरी और साजिश में शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए. 20 मार्च को किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले SHO हरप्रीत सिंह को बर्खास्त किया जाए. इसके अलावा केंद्र सरकार के खिलाफ 12 मांगों पर आंदोलन जारी रहेगा.