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'हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो करेंगे देशव्यापी आंदोलन', संयुक्त किसान मोर्चा ने दी चेतावनी

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह देशव्यापी आंदोलन करेंगे. किसानों ने दावा किया कि ये आंदोलन 2020-21 में दिल्ली की सीमाओं पर हुए विरोध प्रदर्शन से भी बड़ा होगा. एसकेएम ने अपनी राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक में संघर्ष को तेज करने का फैसला किया.

संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन की चेतावनी दी है (फाइल फोटो) संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन की चेतावनी दी है (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:33 PM IST

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह देशव्यापी आंदोलन करेंगे. किसानों ने दावा किया कि ये आंदोलन 2020-21 में दिल्ली की सीमाओं पर हुए विरोध प्रदर्शन से भी बड़ा होगा. एसकेएम ने अपनी राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक में संघर्ष को तेज करने का फैसला किया.

संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति (NPFAM) को रद्द करने, स्वामीनाथन समिति के सी2 प्लस 50 प्रतिशत फॉर्मूले के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और किसानों का कर्ज माफ करने की मांग की है.

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एसकेएम ने कहा कि 24 जनवरी को दिल्ली में हुई आम बैठक में विभिन्न राज्यों के किसान नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार कॉरपोरेट कंपनियों के प्रभाव में है और किसानों की मांगों का सम्मान नहीं कर रही है. एनपीएफएएम और अन्य कॉरपोरेट समर्थक सुधारों को वापस लेने की सरकार की कोई मंशा नहीं है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले तीन महीनों में एनपीएफएएम जैसे कॉरपोरेट समर्थक एजेंडे को नहीं हटाया, तो किसान अखिल भारतीय ग्रामीण हड़ताल करेंगे. साथ ही कहा कि गणतंत्र दिवस पर रविवार को जिलों में ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल परेड का आयोजन होगा. 5 मार्च 2025 से राज्य, जिला और उप-डिवीजन स्तर पर 'पक्का मोर्चा' (निरंतर धरना प्रदर्शन) शुरू होगा.

किसान नेताओं ने कहा कि सांसदों के घर और कार्यालयों पर जाकर उनसे अपनी मांगों को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का आग्रह किया जाएगा. साथ ही, राज्य के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर विधानसभा में एनपीएफएएम के विरोध में प्रस्ताव पास करने की मांग की जाएगी. वहीं, संयुक्त मंच केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (सीटीयू) ने किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देने का ऐलान किया है. एसकेएम ने सभी एंटी-कॉरपोरेट समूहों और नागरिकों से भी इस संघर्ष में शामिल होने की अपील की है. एसकेएम ने बताया कि 12 फरवरी को चंडीगढ़ में एक समन्वय बैठक आयोजित की जाएगी, जहां अन्य किसान संगठनों के साथ एकजुटता पर चर्चा होगी.

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