
पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुमेध सिंह सैनी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. साथ ही सुमेध सिंह सैनी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है और पंजाब सरकार से दो सप्ताह में जवाब तलब किया.
सुप्रीम कोर्ट में सुमेध सिंह सैनी की याचिका पर सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह की बेंच ने की. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सैनी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. पंजाब सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कैवियट आवेदन दाखिल किया था, ताकि एकपक्षीय आदेश नहीं हो.
सुमेध सिंह सैनी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि मैं तत्कालीन एसएसपी था, जब मुझे आतंकवादियों द्वारा उस समय निशाना बनाया गया था. यह बहुत गंभीर मामला है. सैनी काफी जिम्मेदार अधिकारी रह चुके हैं. एफआईआर दुर्भावनापूर्ण तरीके से दर्ज की गई थी. अबमैं एक सेवानिवृत्त व्यक्ति हूं.
क्या है मामला
यह पूरा मामला 1990 दशक का है. उस दौरान सुमेध सिंह सैनी चंडीगढ़ के एसएसपी थे. 1991 में उन पर एक आतंकी हमला हुआ. उस हमले में सैनी की सुरक्षा में तैनात चार पुलिसकर्मी मारे गए थे, जबकि सैनी खुद भी जख्मी हो गए थे. उसी मामले में पुलिस ने सुमेध सैनी के आदेश पर पूर्व आईएएस के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी को गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने मुल्तानी को हिरासत में रखा और फिर बाद में कहा गया कि वह पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गया. परिजनों का आरोप था कि बलवंत सिंह मुल्तानी की पुलिस के टॉर्चर से मौत हो गई. सुमेध सैनी और अन्य पुलिस अफसरों के खिलाफ मोहाली में केस दर्ज किया गया था.