
बीजेपी सांसद विनोद खन्ना के निधन से खाली हुई पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के रणभूमि में 11 प्रत्याशी मैदान में हैं. विनोद खन्ना की सियासी विरासत को अपने पास बचाए रखने के लिए बीजेपी को स्वर्ण सलारिया, तो वहीं ही कांग्रेस इस सीट जीत दर्ज करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम जाखड़ के पुत्र सुनील जाखड़ को मैदान में उतारा है. आप ने मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सुरेश खजुरिया को अपना प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर 11 अक्तूबर को उपचुनाव होगा और 15 अक्तूबर को नतीजा आएगा.
विनोद खन्ना गुरदासपुर से चार बार सांसद रहे
अभिनेता से नेता बने बनने के लिए विनोद खन्ना गुरदासपुर लोकसभा सीट को चुना और चार बार इसी सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे. विनोद खन्ना 1998 में पहलीबार गुरदासपुर सीट से सांसद बने और लगातार तीन चुनाव जीते और 2009 में कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप सिंह बाजवा से उन्हें हार मिली. 2014 में एक फिर विनोद खन्ना जीते, लेकिन 27 अप्रैल 2017 उनके निधन हो जाने से उपचुनाव हो रहा है.
बीजेपी, कांग्रेस और आप में जंग
गुरदासपुर उपचुनाव जीतने के लिए सत्तापक्ष व विपक्ष सहित तीनों राजनीतिक दलों बीजेपी, कांग्रेस और आप ने अपने मुहरे उतार दिए है. जबकि माना मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच माना जा रहा है. लेकिन आम आदमी पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में पंजाब में 13 में से 4 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. ऐसे में आप को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है.
बीजेपी गुरदासपुर की राजनीतिक विरासत को बचाने के लिए सलारिया जैसे नामवर उद्योगपति को टिकट दी है, वहीं कांग्रेस ने तो इस उप चुनाव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ को ही चुनावी मैदान में उतार दिया है. केजरीवाल ने रिटायर्ड मेजर जनरल सुरेश खजूरिया पर दांव लगाया है.
गुरदासपुर कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा
गुरदासपुर लोकसभा सीट एक दौर में कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है. यही वजह है कि अब तक हुए लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर सीट से कांग्रेस ने 11 बार जीत दर्ज की है तो वहीं बीजेपी ने चार बार और एक बार 1977 में जनता पार्टी ने जीत दर्ज की. 2014 के लोकसभा चुनाव में विनोद खन्ना ने कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा को 1,36,065 वोट से हराया था.
विरासत बचाना आसान नहीं
बीजेपी के लिए गुरदासपुर सीट पर उपचुनाव में जीतना आसान नहीं मानी जा रही है. पार्टी कई गुटों में विभाजित है. पूर्व विधायक अश्विनी शर्मा, नगर कौंसिल पठानकोट के पूर्व अध्यक्ष सतीश महाजन गुट, पूर्व मंत्री मोहन लाल के अपने-अपने गुट है. पिछले विधानसभा चुनावों में पूर्व विधायक एवं पार्टी उम्मीदवार रही सीमा कुमारी का खुले में विरोध किया गया था, जिसका नतीजा रहा कि पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा. पार्टी ने स्वर्ण सलारिया को उम्मीदवार बनाया है, ऐसे में उन्हें जीतने कि लिए भितरघात से बचना होगा.
कांग्रेस को सत्ता का लाभ
गुरदासपुर लोकसभा सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का कब्जा रहा है. मौजूदा समय में प्रदेश की सत्ता पर कांग्रेस काबिज है और पार्टी ने बलराम जाखड़ के पुत्र सुनील जाखड़ को मैदान में उतारा है. सुनील जाखड़ पार्टी प्रदेश भी है. कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी दिक्कत कोई खड़ा कर सकता है तो वो प्रताप सिंह बाजवा गुट है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के नाते खुलेतौर पर विरोध की गुंजाइश काफी कम है. प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस को आए हुए अभी 6 महीने हुए CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कई बड़े कदम उठाए हैं. ऐसे में कांग्रेस को लगता है कि उसे सत्ता की लाभ मिलेगा.
आप का उतरता नशा
लोकसभा चुनाव 2014 में पंजाब ही एकलौता राज्य था, जहां आम आदमी पार्टी ने खाता खोला था. पंजाब से आप के चार लोकसभा सदस्य जीतने में कामयाब थे. जबकि दिल्ली से एक भी सांसद आप का नहीं जीत सका था. 2014 के लोकसभा चुनाव में चुनाव गुरदासपुर सीट से आम आदमी पार्टी के प्रांतीय संयोजक रहे सुच्चा सिंह छोटेपुर ने चुनाव लड़ा था और उन्हें 1,73,376 वोट मिले थे. अब छोटेपुर पार्टी छोड़ चुके हैं. आप ने अपना उम्मीदवार प्रत्याशी सुरेश खजूरिया पर दांव लगाया है. पिछले तीन साल से ज्यादा का समय गुजर चुका है और विधानसभा के चुनाव में आप बहुत बड़ा करिश्मा नहीं कर सकी. यही वजह है कि पंजाब के लोगों पर आप चढ़ा नशा उतर रहा है.