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पंजाब में एक और बड़े बदलाव की तैयारी, हरीश रावत की जगह हरीश चौधरी बन सकते हैं कांग्रेस प्रभारी

पंजाब में पिछले 15 दिन से एक के बाद एक बड़े परिवर्तन हो रहे हैं. यहां पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य का नया सीएम बनाया गया. इसी बीच पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी इस्तीफा दे दिया.

हरीश रावत (फाइल फोटो) हरीश रावत (फाइल फोटो)
मनजीत सहगल/आनंद पटेल
  • चंडीगढ़,
  • 02 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 9:46 AM IST
  • पंजाब की उठापटक को संभालने में नाकाम रहे रावत
  • ऐसे में अब हरीश चौधरी को दी जा सकती है पंजाब की जिम्मेदारी

पंजाब कांग्रेस में सियासी उठापटक जारी है. इसी बीच कांग्रेस आलाकमान ने राज्य में एक बदलाव की तैयारी कर ली है. बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पंजाब के प्रदेश प्रभारी पद से हटाया जा सकता है. उनकी जगह हरीश चौधरी को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है. 

पंजाब में पिछले 15 दिन से एक के बाद एक बड़े परिवर्तन हो रहे हैं. यहां पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य का नया सीएम बनाया गया. इसी बीच पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी इस्तीफा दे दिया. पंजाब के प्रभारी रहते हुए रावत इन मुद्दों को निपटाने में अब तक नाकाम साबित हुए हैं.

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हरीश रावत के बयान पर हुआ था विवाद

दरअसल, अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद हरीश रावत ने सिद्धू को आने वाले चुनाव में कांग्रेस का चेहरा बताया था. रावत ने कहा था, चरणजीत सिंह चन्नी को लेकर पार्टी ने पहले से ही मन बनाया हुआ था. आने वाले चुनाव में कांग्रेस का चेहरा कौन होगा, ये कांग्रेस अध्यक्ष तय करेंगी. अगर मौजूदा हालात को देखें तो इस बार चुनाव पंजाब सरकार की कैबिनेट और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की अगुवाई में लड़ा जाएगा.

रावत के इस बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने आपत्ति दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा था कि चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ वाले दिन हरीश रावत द्वारा दिया गया बयान हैरान करने वाला है. ये मुख्यमंत्री की ताकत को कमजोर करता है और साथ ही ये किसी के चयन पर सवाल खड़ा करता है.

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दूसरी तरफ, पंजाब से आने वाले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी सीधे पर रावत के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे. मनीष तिवारी ने कहा था जिन लोगों को पंजाब की जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें वहां की समझ ही नहीं है. 

 

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