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पंजाब: भगवंत मान सरकार को झटका, घर-घर राशन पहुंचाने की योजना पर हाईकोर्ट की रोक

पंजाब सरकार की घर-घर राशन पहुंचाने की योजना पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. दरअसल, पंजाब सरकार पर आरोप है कि वह घर-घर राशन पहुंचाने के नाम पर एक निजी कंपनी को लाभ पहुंचाना चाहती है. बता दें, पंजाब में करीब 17000 उचित मूल्य की दुकानें हैं जो राज्य सरकार की घर-घर राशन योजना पहुंचाने की योजना के बाद बंद हो जाएंगी.

पंजाब सीएम भगवंत मान (फाइल फोटो) पंजाब सीएम भगवंत मान (फाइल फोटो)
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 14 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:52 AM IST

पंजाब सरकार की अक्टूबर माह से शुरू होने जा रही बहुआयामी घर-घर राशन पहुंचाने की योजना को झटका लगा है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकारी राशन की दुकानें चलाने वाले 'डिपो होल्डर एसोसिएशन' की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को नोटिस जारी किया है. आम आदमी पार्टी की सरकार पर आरोप है कि वह घर-घर राशन पहुंचाने के नाम पर एक निजी कंपनी को लाभ पहुंचाना चाहती है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 28 सितंबर तक जवाब मांगा है.

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याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कोर्ट को बताया था कि वे काफी अरसे से लाभार्थियों को राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं. लेकिन अब सरकार ने यह काम एक निजी कंपनी को सौंपने का फैसला किया है जो उनको मान्य नहीं. याचिका में कहा गया कि सरकार ने एक निजी कंपनी के जरिए आटा पिसवा कर उसे घर-घर पहुंचाने की योजना बनाई है जो संविधान में मौजूद प्रावधानों के खिलाफ है.

याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, भारत सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों के जरिए ही राशन पहुंचाने की व्यवस्था की है. लेकिन पंजाब सरकार ने यह कार्य निजी कंपनियों के सुपुर्द करने का फैसला किया है. याचिकाकर्ताओं ने पंजाब सरकार की योजना को रद्द करने की मांग करते हुए सरकार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से छेड़छाड़ न करने की हिदायत देने की गुहार भी लगाई है.

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बता दें, पंजाब में करीब 17000 उचित मूल्य की दुकानें हैं जो राज्य सरकार की घर-घर राशन योजना पहुंचाने की योजना के बाद बंद हो जाएंगी. 

अक्टूबर से लागू होनी थी योजना
दरअसल, पंजाब सरकार यह योजना एक अक्तूबर से सूबे में लागू करने जा रही थी. इस योजना के तहत राशन का वितरण तिमाही की जगह महीनेवार किया जाना था. यह भी तय किया गया था कि सरकार अब लाभपात्रों को गेहूं के स्थान पर आटा देगी और इसकी होम डिलीवरी भी की जाएगी. इसके लिए सरकार ने सूबे को आठ जोन में बांटा था. लेकिन फिलहाल कोर्ट ने इस योजना पर विराम लगा दिया है.

सरकार को मिल रही थीं शिकायतें
गौरतलब है कि सरकार को राशन वितरण संबंधी कई शिकायतें मिल रही थीं, जिनमें समय पर राशन ना मिलना, राशन के लिए वितरित की जाने वाली गेहूं में मिलावट और घटिया अनाज मिलने की शिकायतें खास हैं.

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