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भारत और कनाडा के बीच उपजे विवाद से कनाडा में रहने वाले भारतीय परिवार परेशान हो रहे हैं. कनाडा में रहने वाले भारतीयों को डर है कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते के कारण भविष्य में विजिटर और स्टडी वीजा मिलने में देरी हो सकती है या यह भी हो सकता है कि भारतीय छात्रों के लिए वीजा की सीमा भी तय कर दी जाए.
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि 'बहुत सारे पंजाबी कनाडा में बस गए हैं. पंजाब में दहशत का माहौल है. इसलिए भारत और कनाडा की सरकारों को इस मुद्दे का समाधान ढूंढ़ना चाहिए. इसका भारत-कनाडा संबंधों पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है. सिखों को आतंकवाद से जोड़ा जा रहा है, एक गलत धारणा बनाई जा रही है और इसे रोकने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा की सरकारों को जल्द कोई समाधान निकालना चाहिए. दोनों देशों के बीच संबंधों को ठीक करने की जरूरत है. इसका खामियाजा देश की जनता को नहीं भुगतना चाहिए. मैं पीएम को पत्र इसलिए लिख रहा हूं, इस मसले को जल्द निपटाने की जरूरत है. अगर यह हाथ से बाहर गया तो इसका असर बहुत सारे भारतीयों, खासकर सिखों और पंजाब के लोगों पर पड़ेगा.'
बता दें कि बड़ी संख्या में भारतीय छात्र कनाडा के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ते हैं और ट्यूशन फीस के रूप में अरबों डॉलर देते हैं. कैनेडियन ब्यूरो ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन के अनुसार, भारतीय छात्रों ने साल 2021 के दौरान कनाडाई अर्थव्यवस्था में 4.9 अरब डॉलर से अधिक का योगदान दिया. भारत और कनाडा के बीच उपजे विवाद के बाद वे लोग परेशान हैं, जिनके परिवार के बच्चे या तो वहां पढ़ रहे हैं या कोई बिजनेस कर रहा है.
शहर के एचके खरबंदा, मेघा भाटिया, के. सिंह और एनआरआई मिसेज जोगिंदर संधू के परिवार के लोग कनाडा में रहते हैं. यहां के एचके खरबंदा के बेटे ऋषभ कनाडा के वैंकूवर में काम करते हैं. स्काइप के जरिए वीडियो कॉल पर रिषभ खरबंदा ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए हम लोग भयभीत हैं. इस विवाद का कुछ हल निकाला जाना चाहिए. ज्यादातर लोगों का मानना है कि दोनों देशों को आपसी मतभेद खत्म कर देने चाहिए.
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एचके खरबंदा कहते हैं कि दोनों देशों को विवाद खत्म करने के लिए पहल करनी चाहिए, क्योंकि इससे भारतीय छात्रों की परेशानियां बढ़ सकती हैं. प्रक्रिया जटिल होने के अलावा विजिटर और स्टडी वीजा में देरी हो सकती है. इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर असर पड़ेगा और भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. लोगों को अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाने किए कर्ज लेना पड़ता है. लाखों भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ते हैं तो तमाम लोग वहां वर्क परमिट पर काम करते हैं.
इमिग्रेशन लीगल एक्सपर्ट ने कहा- उम्मीद है भविष्य में रिश्ते बेहतर होंगे
वर्तमान में स्टडी वीजा पर कनाडा गए छात्रों के माता-पिता विवाद के संभावित नतीजों के बारे में जानकारी ले रहे थे. चंडीगढ़ की इमिग्रेशन लीगल एक्सपर्ट वेरालिका शर्मा ने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. हमें उम्मीद है कि भविष्य में दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर होंगे, क्योंकि उच्च शिक्षा के लिए कनाडा पसंदीदा जगह है.
लोगों का कहना है कि दोनों देशों को जल्द से जल्द विवाद खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि इससे भारतीय छात्रों के शैक्षिक और करियर पर बुरा असर पड़ेगा. चंडीगढ़ निवासी के. सिंह कहते हैं कि लोग अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए मेहनत की कमाई लगाकर कनाडा भेजते हैं. अगर मतभेद बने रहे तो न केवल भारत, बल्कि कनाडा भी प्रभावित होगा.
कनाडा में 40 प्रतिशत छात्र भारतीय
आईआरसीसी (Immigration, Refugees and Citizenship Canada) के आंकड़ों के अनुसार, कनाडा में करीब 40 प्रतिशत छात्र भारतीय हैं. 31 दिसंबर, 2022 तक वैध स्टडी वीजा वाले कुल 807,750 अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 3,19,130 भारतीय थे. कनाडाई ब्यूरो ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन के अनुसार, भारतीय छात्रों ने साल 2021 के दौरान कनाडाई अर्थव्यवस्था में 4.9 बिलियन डॉलर से ज्यादा का योगदान दिया.
विवाद के बीच क्या बोले पंजाब पुलिस से स्पेशल डीजीपी?
कनाडा के साथ विवाद के बाद पंजाब पुलिस के स्पेशल DGP अर्पित शुक्ला ने आजतक से बात करते हुए कहा कि जिस तरीके से कनाडा में खालिस्तान समर्थक की हत्या के बाद हालात बने हैं, उसे देखते हुए पंजाब पुलिस ने पूरे पंजाब में रेड अलर्ट जारी कर दिया है. हर संदिग्ध पर निगाह है. केंद्र सरकार से कोऑर्डिनेशन किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कनाडा की संसद में क्या कहा था?
बता दें कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत की संलिप्तता की बात कही थी. उन्होंने कहा था, 'कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार और कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच की कड़ी के आरोपों की सक्रियता से जांच कर रही हैं. कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है. यह अस्वीकार्य है.'
भारत के राजनयिक को कनाडा ने किया निष्कासित
ट्रूडो के इस बयान के बाद कनाडा सरकार ने भारत के एक शीर्ष राजनयिक को निष्कासित करने की घोषणा कर दी. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 'हम भारत के एक प्रमुख राजनयिक को निष्कासित कर रहे हैं, लेकिन हम इस मामले की तह तक जाएंगे, अगर यह सब सच साबित हुआ तो यह हमारी संप्रभुता और एक-दूसरे का सम्मान करने के बुनियादी नियम का उल्लंघन होगा.'
क्या है वीजा निलंबन का पूरा मामला?
विवाद के बीच भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए भारतीय वीजा सेवाएं अगले आदेश तक निलंबित कर दी हैं. बीएलएस इंटरनेशनल नाम की कंपनी वीजा सेवाएं देती है. कंपनी कनाडा में वीजा एप्लीकेशन सेंटर का संचालन करती है. बीएलएस इंटरनेशनल ने कैनेडियन वेबसाइट पर एक नोटिस जारी किया है. इसमें कहा गया है कि '21 सितंबर 2023 से भारतीय वीजा सेवाएं अगले आदेश तक निलंबित कर दी गईं हैं. कृपया अपडेट रहने के लिए वेबसाइट चेक करते रहें.' बता दें कि वीजा निलंबित होने के बाद कनाडाई नागरिकों की एंट्री भारत में बंद हो गई है.